अफगानिस्तान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया है. सबसे ज्यादा चिंता महिलाओं और बच्चों के लिए जताई जा रही है कि तालिबान के शासन में महिलाओं की स्थिति बदतर हो जाएगी. उन्हें बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा और वे आजादी से कुछ नहीं कर पाएंगी, क्योंकि सालों पहले के तालिबानी शासन की कहानियां महिलाओं के जहन में आज भी जिंदा है. खैर, काबुल एयरपोर्ट की भयावह तस्वीरें जब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थीं, उसी समय एक अमेरिकी टीवी रिपोर्टर क्लेरिसा वॉर्ड की तस्वीर भी वायरल हो रही थीं, जिसमें कहा जा रहा था कि 24 घंटे में इस महिला पत्रकार को अपने आपको बदलना पड़ा. पहले वह बिना हिजाब के घूम सकती थीं, लेकिन अब वह हिजाब पहनकर अपना काम कर रही हैं.साथ ही ये भी कहा गया कि महिलाओं की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि आने वाला समय उनके लिए कितना खराब होने वाला है. सोचिए कितना डर का माहौल है.
अब इस टीवी रिपोर्टर ने खुद आकर बयान दिया है. उन्होंने ट्वीटर पर वायरल हो रही दोनों तस्वीरों को लेते हुए लिखा कि इसे मीम बनाकर गलत तरीके से पेश किया गया है. पहली फोटो एक प्राइवेट कंपाउंड की है और दूसरी तालिबान शासित काबुल की है. मैं पहले भी काबुल में रिपोर्टिंग के दौरान सिर पर स्कार्फ का इस्तेमाल करती थी, हालांकि मेरा सिर पूरी तरह ढंका नहीं होता था और मैं ओबाया परिधान में नहीं होती थी. उन्होंने ये माना कि बदलाव आया है, लेकिन ये उस स्तर का नहीं है, जैसा कि तस्वीर में दिखाया गया है.
This meme is inaccurate. The top photo is inside a private compound. The bottom is on the streets of Taliban held Kabul. I always wore a head scarf on the street in Kabul previously, though not w/ hair fully covered and abbaya. So there is a difference but not quite this stark. pic.twitter.com/BmIRFFSdSE
— Clarissa Ward (@clarissaward) August 16, 2021
बता दें कि क्लेरिसा वॉर्ड काफी समय से युद्धग्रस्त देशों की रिपोर्टिंग कर रही हैं. सोमवार को भी उन्होंने खुद अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की थी जिसमें वह तालिबानी आतंकियों के साथ हिजाब पहने दिख रही हैं. इस तस्वीर पर भी कई यूजर्स ने लिखा कि आप अगर हिजाब न पहनती तो आपका जीवन संकट में आ सकता है. हालांकि कुछ लोग ये भी कहते दिखे कि तालिबानी शासन में महिलाओं की स्थिति को लेकर चिंता करने वाले देख लें महिला रिपोर्टर कितने आराम से तालिबान के सामने रिपोर्टिंग कर रही हैं. वहीं कुछ यूजर्स ने उनके हिजाब पहनकर रिपोर्टिंग करने को तालिबानी की गुलामी से भी जोड़ा. अधिकतर उनकी हिम्मत की तारीफ करते दिखे कि जब अफगानिस्तान की महिलाएं घर के भीतर हैं, उन्होंने बाहर निकलकर काबुल के हालातों से लोगों को परिचित करवाया.
उधर, तालिबान भी अपना थोड़ा नरम रुख दिखाने की कोशिश करता दिख रहा है. तालिबान के प्रवक्ता ने आज कहा है कि महिलाओं को अकेले घर छोड़ने की अनुमति होगी. उन्हें शिक्षा के लिए और काम तक भी उनकी पहुंच होगी. बस उन्हें हिजाब पहनना होगा. वहीं पहले तालिबान ने नियम बना रखा था कि किसी पुरुष को साथ लिए बिना महिला बाहर नहीं जाएंगी. हिजाब पहनना अनिवार्य था. यही नहीं उन्हें शिक्षा और बाहर काम करने की इजाजत भी नहीं थी.
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