आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (फाइल फोटो)
सूरत:
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को जैन संतों के एक समारोह में 'भगवद गीता' की विशेष प्रति भेंट की गयी जिसे एक मुस्लिम कलाकार ने सोने से बनायी गयी विशेष स्याही से तैयार किया है। स्वर्ण गीता तैयार करने वाले यूनुस शेख के अनुसार 168 पृष्ठों वाली गीता में 745 श्लोक हैं और इसे तैयार करने में 24 कैरट का 346 ग्राम सोना लगा।
भागवत को यह भेंट सौंपने वाले जैन संत अभयदेवसुरिश्वरजी महाराज ने कहा, 'आरएसएस और हिन्दू धर्म के साथ भाईचारे की भावना और अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए हमने सोने की विशेष स्याही से बनायी गयी स्वर्ण गीता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भेंट की।'
सुंदरनगर शहर के निवासी शेख ने कहा कि उन्हें इस काम में दो महीने से अधिक समय लगा। उन्होंने कहा कि वह पहले भी जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथों को ऐसा आकार दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि धर्म हमें मानवता का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि गीता पर काम करने के दौरान वह रोजाना पांच बार नमाज भी पढ़ते रहे। उनका दावा है कि इसे विशेष कागज पर तैयार किया गया है और यह पांच सौ साल तक खराब नहीं होगा।
शुभमंगलम संगठन द्वारा आयोजित जैन संतों के एक कार्यक्रम में भागवत को यह गीता भेंट दी गयी। आयोजकों के अनुसार, इस पर 7.5 लाख रुपए का खर्च आया है। भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि गीता से हमें कर्मयोग की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे हमें समस्याओं से भागने का नहीं बल्कि उनका सामना करने का संदेश मिलता है।
भागवत को यह भेंट सौंपने वाले जैन संत अभयदेवसुरिश्वरजी महाराज ने कहा, 'आरएसएस और हिन्दू धर्म के साथ भाईचारे की भावना और अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए हमने सोने की विशेष स्याही से बनायी गयी स्वर्ण गीता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को भेंट की।'
सुंदरनगर शहर के निवासी शेख ने कहा कि उन्हें इस काम में दो महीने से अधिक समय लगा। उन्होंने कहा कि वह पहले भी जैन धर्म एवं हिन्दू धर्म के पवित्र ग्रंथों को ऐसा आकार दे चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि धर्म हमें मानवता का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि गीता पर काम करने के दौरान वह रोजाना पांच बार नमाज भी पढ़ते रहे। उनका दावा है कि इसे विशेष कागज पर तैयार किया गया है और यह पांच सौ साल तक खराब नहीं होगा।
शुभमंगलम संगठन द्वारा आयोजित जैन संतों के एक कार्यक्रम में भागवत को यह गीता भेंट दी गयी। आयोजकों के अनुसार, इस पर 7.5 लाख रुपए का खर्च आया है। भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि गीता से हमें कर्मयोग की शिक्षा मिलती है। उन्होंने कहा कि इससे हमें समस्याओं से भागने का नहीं बल्कि उनका सामना करने का संदेश मिलता है।
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