फाइल फोटो
नई दिल्ली:
एएफएसपीए के विरोध में इरोम शर्मिला के अनशन को आज 14 साल पूरे हो जाएंगे। मणिपुर की राजधानी इंफाल से कुछ ही किलोमीटर दूर एक बस अड्डे पर असम राइफल्स ने 10 लोगों की दंगा फैलाने के आरोप में हत्या कर दी थी। इसके बाद इरोम शर्मिला ने सरकार से एएफएसपीए को हटाने की मांग शुरू की थी।
लौह महिला के नाम से पहचानी जाने वाले शर्मिला 05 नवंबर 2000 से आमरण अनशन पर हैं। इसके बाद उन्हें जबरदस्ती खाना खिलाया जाता रहा है। भारत में आत्महत्या को अपराध माना जाता है और इसी वजह से उन पर इस मामले में मुकदमा भी चला, लेकिन बाद में मणिपुर की एक कोर्ट ने केस खारिज कर दिया।
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