पिछले एक साल में करीब 3,200 स्वच्छता कर्मियों को देश के प्रथम ‘टॉयलेट कॉलेज' (Toilet College) कहे जाने वाले संस्थान में प्रशिक्षित किया गया है. उन्हें प्रशिक्षण के बाद निजी क्षेत्र की पहल पर रोजगार भी मिला है.
महाराष्ट्र में औरंगाबाद स्थित ‘हार्पिक वर्ल्ड टॉयलेट कॉलेज' स्वच्छता कर्मियों को उनकी कार्यकुशलता बढ़ाने और उन्हें कार्य संबंधी खतरों के प्रति जागरूक बनाने में सहायता कर रहा है. अगस्त 2018 में स्थापित यह कॉलेज ब्रिटिश कंपनी रेकिट बेनकाइजर द्वारा संचालित है.
कंपनी ने एक बयान में कहा कि अब तक कॉलेज ने 3,200 स्वच्छता कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है और उन सभी को रोजगार पाने में मदद दी है. प्रशिक्षण प्राप्त कर्मचारियों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के संगठनों और कंपनियों में रोजगार मिला है.
हार्पिक वर्ल्ड टॉयलेट कॉलेज में 25-30 कर्मियों की संख्या वाले प्रत्येक बैच की प्रतिदिन तीन घंटे कक्षा लगती है. कंपनी ने बताया कि महिलाओं के लिए दोपहर 1-4 बजे तक और पुरुषों के लिए सांयकाल 4-7 बजे तक कक्षा लगती है.
कंपनी ने यह भी बताया कि प्रशिक्षित स्वच्छता कर्मचारी अपने क्षेत्र में बेहतर ज्ञान और कौशल से युक्त हैं और वे अपने समुदाय में जाकर हजारों अन्य स्वच्छता कर्मियों और उनके परिवारों को भी प्रशिक्षित कर सकेंगे.
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