Washington: अमेरिकी राष्ट्रीय कैंसर संस्थान ने मिशिगन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अरुल चिन्नैयां को 'आउटस्टैंडिंग इन्वेस्टीगेटर अवॉर्ड' प्रदान किया है और कैंसर के निदान में सुधार व नए उपचार के विकास के लिए बायोमार्कर की पहचान के लिए सात साल के वित्त पोषण के लिए 65 लाख डॉलर की राशि दी है. चिन्नैयां ने सोमवार को एक बयान में कहा, "आंकोलॉजी का क्षेत्र कैंसर रोगियों के बढ़ने के साथ उन्हें नैदानिक और बेहतर उपचार देने के लक्ष्य के साथ विकसित हो रहा है."
वैज्ञानिकों ने सौर तूफान के पूर्वानुमान के लिए लिए खोज निकाला यह नया तरीका
उन्होंने कहा, "यह अनुदान हमें नए बायोमार्करों की खोज व कैंसर की वृद्धि में उनकी जैविक भूमिका में समझने में मदद देगा." कैंसर के जानकार चिन्नैयां ने 2010 में मिशिगन ऑकोलाजी सिक्वेंसिंग (एमआई-ओएनसीओएसईक्यू) कार्यक्रम शुरू किया. एमआई-ओएनसीएसईसीयू, मेटास्टैटिक कैंसर और सामान्य ऊतक के डीएनए और आरएनए को एक व्यवस्थित क्रम में करने के लिए एक शोध प्रोटोकॉल है, जो उन बदलाव की पहचान करने के लिए है, जिससे इलाज में मदद मिल सकती है.
वैज्ञानिकों ने वर्ष 2017 को बताया धरती का तीसरा सबसे गर्म साल, जानें कौन से Year में थी सबसे ज्यादा तपिश
इस कार्यक्रम में एक सटीक ट्यूमर औषधि बोर्ड भी शामिल है, जिसमें विशेषज्ञ हर मामले पर चर्चा करते हैं. चिन्नैयां की प्रयोगशाला में जीनोम के एक भाग का भी विश्लेषण किया गया है, जिसे पहले अच्छी तरह से नहीं खोजा गया था.
(इनपुट-आईएएनएस)
वैज्ञानिकों ने सौर तूफान के पूर्वानुमान के लिए लिए खोज निकाला यह नया तरीका
उन्होंने कहा, "यह अनुदान हमें नए बायोमार्करों की खोज व कैंसर की वृद्धि में उनकी जैविक भूमिका में समझने में मदद देगा." कैंसर के जानकार चिन्नैयां ने 2010 में मिशिगन ऑकोलाजी सिक्वेंसिंग (एमआई-ओएनसीओएसईक्यू) कार्यक्रम शुरू किया. एमआई-ओएनसीएसईसीयू, मेटास्टैटिक कैंसर और सामान्य ऊतक के डीएनए और आरएनए को एक व्यवस्थित क्रम में करने के लिए एक शोध प्रोटोकॉल है, जो उन बदलाव की पहचान करने के लिए है, जिससे इलाज में मदद मिल सकती है.
वैज्ञानिकों ने वर्ष 2017 को बताया धरती का तीसरा सबसे गर्म साल, जानें कौन से Year में थी सबसे ज्यादा तपिश
इस कार्यक्रम में एक सटीक ट्यूमर औषधि बोर्ड भी शामिल है, जिसमें विशेषज्ञ हर मामले पर चर्चा करते हैं. चिन्नैयां की प्रयोगशाला में जीनोम के एक भाग का भी विश्लेषण किया गया है, जिसे पहले अच्छी तरह से नहीं खोजा गया था.
(इनपुट-आईएएनएस)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं