दिल्ली हाइकोर्ट ने 2002 के नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी करार दिए गए विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल की कैद की सजा सुनाई है। सबूत मिटाने के मामले में विकास और विशाल को 5-5 साल अलग से सजा सुनाई गई है, यानी दोनों को बिना छूट के कुल 30 साल की सजा काटनी पड़ेगी।
क्या है मामला, कब क्या हुआ-
-16 फरवरी 2002
गाजियाबाद : एक शादी से नीतीश कटारा का अपहरण
-16 फरवरी 2002
विशाल यादव, विकास यादव और सुखदेव पहलवान ने नीतीश कटारा की हत्या की
-20 फरवरी 2002
खुर्जा : जली हुई हालत में नीतीश का शव मिला
-20 फरवरी 2002
नीतीश की दोस्त और डीपी यादव की बेटी भारती यादव भारत छोड़ इंग्लैंड गईं।
-11 मार्च 2002
पुलिस ने करनाल से अपहरण में इस्तेमाल गाड़ी बरामद की
-31 मार्च 2002
यूपी पुलिस ने गाजियाबाद की अदालत में चार्जशीट पेश की
-23 अप्रैल 2002
मध्य प्रदेश से विकास और विशाल यादव गिरफ़्तार
-23 अप्रैल 2002
सुप्रीम कोर्ट ने केस को गाजियाबाद से दिल्ली ट्रांसफ़र किया
-23 नवंबर 2002
विशाल, विकास यादव के खिलाफ आरोप तय
-7 अप्रैल 2003
कोर्ट ने भारती यादव की गवाही के लिए समन जारी किया
-नवंबर 2005
मामले का तीसरा आरोपी सुखदेव पहलवान गिरफ़्तार
-25 नवंबर 2006
बार-बार समन जारी होने पर भारती यादव देश लौटी
-2 अप्रैल 2008
कोर्ट में केस की रोजाना सुनवाई शुरू
-30 मई 2008
दोनों दोषियों को उम्रक़ैद की सजा सुनाई
-1 जुलाई 2008
नीतीश की मां नीलम कटारा ने हाईकोर्ट में अर्जी दी
-1 जुलाई 2008
दोषियों को फांसी की सज़ा देने की मांग की
-5 सितंबर 2008
दोषियों ने भी निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी
-5 सितंबर 2008
विशाल, विकास यादव ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी
-10 जुलाई 2011
सुखदेव पहलवान को भी उम्रक़ैद की सज़ा
-10 जुलाई 2011
सुखदेव पहलवान ने भी फ़ैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी
-2 अप्रैल 2014
हाईकोर्ट ने तीनों दोषियों की याचिका खारिज की
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