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This Article is From Apr 04, 2013

आगे चलकर स्कूल में साइंस टीचर बनना चाहूंगी : सुनीता विलियम्स

आगे चलकर स्कूल में साइंस टीचर बनना चाहूंगी : सुनीता विलियम्स
मुंबई: अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने कहा कि उनके लिए चांद पर जाना भी एक सपने जैसा होगा, पर वह आगे चलकर विज्ञान की शिक्षिका बनना चाहेंगी। उन्होंने कहा, हम एक नया अंतरिक्ष यान बना रहे हैं। मैं उसका हिस्सा बनना पसंद करूंगी। नए अंतरिक्ष यान के निर्माण में अनुभवी लोगों की मदद ली जाती है।

नेहरू विज्ञान केंद्र पर सुनीता ने कहा, यह सब फिलहाल के लक्ष्य हैं पर आगे चलकर मैं स्कूल में शिक्षिका बनना चाहती हूं... विज्ञान की शिक्षिका। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि अधिक से अधिक लोगों से अंतरिक्ष के बारे में बातें करना और अपने अनुभव साझा करना ही मेरा अभी का लक्ष्य है।

अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय तक चलने वाली महिला अंतरिक्ष यात्री का रिकॉर्ड 47-वर्षीय सुनीता विलियम्स के नाम ही है। 50 घंटे और 40 मिनट तक अंतरिक्ष में चलकर यह रिकॉर्ड बना चुकी सुनीता इन दिनों एक सप्ताह के लिए भारत के दौरे पर हैं। सुनीता के अनुसार चांद पर जाना एक सपने जैसा होगा। मंगल पर जाना भी बेहद अच्छा रहेगा, लेकिन मुझे लगता है कि मेरे अंतरिक्ष यात्री बने रहने तक ऐसा संभव नहीं हो सकेगा।

भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग पर सुनीता ने कहा, मैं नासा का हिस्सा रह चुकी हूं। मैंने भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते रिश्तों को देखा है। साथ ही साथ नासा और इसरो के बीच गहराते रिश्ते देखे हैं, जो बहुत अच्छी बात है।

यह पूछे जाने पर कि क्या अंतरिक्ष में रहने पर अकेलापन महसूस नहीं होता, उन्होंने कहा, नहीं, अकेलापन नहीं महसूस होता। पृथ्वी के साथ इतना जुड़ाव है कि कोई अकेला महसूस नहीं कर सकता। आप वहां से घर पर परिजनों को फोन भी कर सकते हैं।

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