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This Article is From May 10, 2016

'मैं उसके हाथ हूं, वह मेरी आंखें' : एक दोस्ती, जिसने पूरा जंगल बना दिया...

'मैं उसके हाथ हूं, वह मेरी आंखें' : एक दोस्ती, जिसने पूरा जंगल बना दिया...
नई दिल्ली: '60 के दशक की एक सुपरहिट हिन्दी फिल्म 'दोस्ती' याद है आपको, जिसमें दो लड़के एक-दूसरे की विकलांगता के पूरक बनकर दोनों को संपूर्ण कर डालते हैं... ऐसा ही एक वाकया देखा गया है चीन में, जहां न सिर्फ दोनों दोस्तों ने एक-दूसरे का सहारा बनकर दिखाया, बल्कि एक ऐसा काम कर डाला, जिसके लिए आने वाली पीढ़ियों को उनका शुक्रगुज़ार होना चाहिए...

'दोस्ती' फिल्म में एक दोस्त के पांव नहीं थे, और दूसरे की आंखें, लेकिन चीनी दोस्तों की जोड़ी में से एक अपनी आंखों से महरूम है, और दूसरा हाथों से... इन दोनों के इस वीडियो को यूट्यूब पर पिछले सप्ताह Great Big Story द्वारा अपलोड किया गया, और इसका शीर्षक दिया गया है - 'आई एम हिज़ हैन्ड्स. ही इज़ माई आइज़. - द फ्रेंडशिप दैट बिल्ट अ फॉरेस्ट' ("I Am His Hands. He Is My Eyes." The Friendship That Built a Forest), जिसका अर्थ हुआ - 'मैं उसके हाथ हूं. वह मेरी आंखें. - एक दोस्ती, जिसने पूरा जंगल बना दिया...'

दरअसल, चीन के येली (Yeli) गांव में रहने वाले जिया हैक्सिया (Jia Haixia) 16 साल पहले अपनी देखने की शक्ति खो चुके थे, और उनके सबसे करीबी दोस्त जिया वेन्की (Jia Wenqi) बचपन में ही अपने हाथ गंवा बैठे थे... अपनी दोस्ती को एक नया आयाम देते हुए इन दोनों मित्रों ने समाज को एक ऐसा तोहफा दिया, जिससे उनकी आने वाली पीढ़ियां भी लाभान्वित होती रहेंगी...

'दो जिस्म एक जान' की कहावत को चरितार्थ करने वाले इन दोनों दोस्तों ने अपने गांव के आसपास के इलाके में पेड़ लगाना शुरू किया, और Great Big Story के मुताबिक वे अब तक 10,000 से ज़्यादा पेड़ उगा चुके हैं, और सारा इलाका जंगल का रूप लेकर हरियाली का वह मंजर सामने लाता है कि देखने वाले मंत्रमुग्ध हुए बिना नहीं रह पाते...

तो आइए, आप भी देखिए इन दोनों दोस्तों को, जो मुश्किल से मुश्किल काम को भी एक-दूसरे की मदद से इतनी सहजता और आसानी से कर लेते हैं कि हैरान हुए बिना नहीं रहा जाता...

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