भारतीय वायु सेना ने हिना जायसवाल को अपनी पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट के तौर पर शामिल किया है. वह बेंगलुरू के उत्तरी उप नगर में स्थित येलाहांका एयर बेस की 112वीं हेलीकॉप्टर यूनिट की फ्लाइट लेफ्टिनेंट थीं. रक्षा मंत्रालय ने यह जानकारी दी. मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "फ्लाइट लेफ्टिनेंट हिना जायसवाल ने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में कोर्स पूरा करने के बाद पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनकर इतिहास रच दिया है."
हिना वायु सेना की इंजीनियरिंग शाखा में 5 जनवरी 2015 को सैनिक के रूप में भर्ती हुईं. उन्होंने फ्लाइट इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम में शामिल होने से पहले फ्रंटलाइन सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल दस्ते में फायरिंग टीम की प्रमुख और बैटरी कमांडर के तौर पर काम किया. हिना का फ्लाइट इंजीनियरिंग का कोर्स 15 फरवरी को पूरा हुआ.
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बयान के अनुसार, "छह महीनों के पाठ्यक्रम के दौरान हिना ने अपने पुरुष प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्रशिक्षण लेते हुए अपनी प्रतिबद्धता, समर्पण और दृढ़ता का प्रदर्शन किया."
मूल रूप से चंडीगढ़ की हिना ने पंजाब यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है.
हिना के हवाले से कहा गया, "पहली महिला फ्लाइट इंजीनियर बनने की मेरी उपलब्धि सपना पूरा होने जैसी है क्योंकि मैं बचपन से ही सैनिकों की वेशभूषा पहनने और पायलट बनने के लिए प्रेरित होती थी."
फ्लाइट इंजीनियर के तौर पर हिना जरुरत पड़ने पर सियाचिन ग्लेशियर की बर्फीली ऊंचाइयों से अंडमान के सागर में वायु सेना की ऑपरेशनल हेलीकॉप्टर यूनिट्स पर अपनी सेवा देंगी.
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हिना ने कहा, "मैं विमानन में अपने काम को लेकर उत्साहित हूं और काम के दौरान आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हूं."
पुरुष सैनिकों की अधिकता वाली फ्लाइट इंजीनियर ब्रांच को 2018 में महिला अधिकारियों के लिए भी खोल दिया गया.
इनपुट-आईएएनएस
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