नई दिल्ली:
अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के शुक्रवार को घोषित नतीजों के मुताबिक केरल की हरिता वी कुमार को पहला स्थान हासिल हुआ है। जब हरिता के दोस्तों ने उन्हें यह खुशखबरी सुनाई तो उन्हें शुरू में बिल्कुल यकीन नहीं हुआ। उन्हें लगा कि उनके दोस्त मजाक कर रहे हैं।
बी-टेक डिग्रीधारी हरिता ने कहा, ‘‘मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैंने पहली रैंक हासिल की है। मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैं टॉपर हूं पर मैंने इसे मानने से इनकार कर दिया। वे मुझे खींचकर इंटरनेट के पास ले गए और नतीजे दिखाए, तब जाकर मुझे उन पर विश्वास हुआ।’’
सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों के मुताबिक शीर्ष पांच में केरल के तीन उम्मीदवार हैं जिनमें 27 साल की हरिता के अलावा दूसरी रैंक प्राप्त करने वाले श्रीराम वी और चौथी रैंक हासिल करने वाले एल्बी जॉन वर्गीज हैं। स्तुति चरण को तीसरी रैंक मिली है।
हरिता साल 2011 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद) की प्रशिक्षु अधिकारी हैं और अभी फरीदाबाद के राष्ट्रीय सीमा-शुल्क उत्पाद एवं नारकोटिक्स (एनएसीईएन) में प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं।
केरल में 10वीं की परीक्षा में सातवां स्थान हासिल कर चुकी हरिता ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। कोई भी पहली रैंक पाने की उम्मीद नहीं रखता। मैं ईश्वर और अपने माता-पिता का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरे शिक्षकों एवं दोस्तों को विशेष धन्यवाद।’’
हरिता ने चौथे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। उन्हें दूसरे प्रयास में 179वीं और तीसरे प्रयास में 294वीं रैंक मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहली बार सफल नहीं हो पायी थी। मुझे दूसरे प्रयास में 179वीं रैंक मिली तो भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) दिया गया। पिछले साल मेरी रैंक गिरकर 294 पर आ गई। हालांकि, मैंने हौसला बनाए रखा और अब मेरा प्रयास फलदायी साबित हुआ है।’’
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद हरिता ने मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर अर्थशास्त्र और मलयालम साहित्य चुना था। हरिता ने कहा, ‘‘अर्थशास्त्र के चारों ओर हर किसी की जिंदगी घूमती है। किसी भी समस्या का मूल कारण अर्थशास्त्र में निहित होता है। मलयालम मेरी मातृभाषा है और बचपन से ही मुझे मलयालम काफी पसंद रहा है।’’
ऐसा करीब दो दशक बाद हुआ है कि केरल से किसी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया हो।
बी-टेक डिग्रीधारी हरिता ने कहा, ‘‘मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि मैंने पहली रैंक हासिल की है। मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि मैं टॉपर हूं पर मैंने इसे मानने से इनकार कर दिया। वे मुझे खींचकर इंटरनेट के पास ले गए और नतीजे दिखाए, तब जाकर मुझे उन पर विश्वास हुआ।’’
सिविल सेवा परीक्षा के नतीजों के मुताबिक शीर्ष पांच में केरल के तीन उम्मीदवार हैं जिनमें 27 साल की हरिता के अलावा दूसरी रैंक प्राप्त करने वाले श्रीराम वी और चौथी रैंक हासिल करने वाले एल्बी जॉन वर्गीज हैं। स्तुति चरण को तीसरी रैंक मिली है।
हरिता साल 2011 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (सीमा शुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद) की प्रशिक्षु अधिकारी हैं और अभी फरीदाबाद के राष्ट्रीय सीमा-शुल्क उत्पाद एवं नारकोटिक्स (एनएसीईएन) में प्रशिक्षण हासिल कर रही हैं।
केरल में 10वीं की परीक्षा में सातवां स्थान हासिल कर चुकी हरिता ने कहा, ‘‘मैं बहुत खुश हूं। कोई भी पहली रैंक पाने की उम्मीद नहीं रखता। मैं ईश्वर और अपने माता-पिता का शुक्रिया अदा करती हूं। मेरे शिक्षकों एवं दोस्तों को विशेष धन्यवाद।’’
हरिता ने चौथे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। उन्हें दूसरे प्रयास में 179वीं और तीसरे प्रयास में 294वीं रैंक मिली थी।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं पहली बार सफल नहीं हो पायी थी। मुझे दूसरे प्रयास में 179वीं रैंक मिली तो भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) दिया गया। पिछले साल मेरी रैंक गिरकर 294 पर आ गई। हालांकि, मैंने हौसला बनाए रखा और अब मेरा प्रयास फलदायी साबित हुआ है।’’
इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बावजूद हरिता ने मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषय के तौर पर अर्थशास्त्र और मलयालम साहित्य चुना था। हरिता ने कहा, ‘‘अर्थशास्त्र के चारों ओर हर किसी की जिंदगी घूमती है। किसी भी समस्या का मूल कारण अर्थशास्त्र में निहित होता है। मलयालम मेरी मातृभाषा है और बचपन से ही मुझे मलयालम काफी पसंद रहा है।’’
ऐसा करीब दो दशक बाद हुआ है कि केरल से किसी ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया हो।
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अखिल भारतीय सिविल सेवा परीक्षा, आईएएस, यूपीएससी, 2012 परीक्षा परिणाम, हरिता वी कुमार, All India Civil Services, IAS Exam 2012, IAS Topper, Haritha V Kumar