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This Article is From May 26, 2019

अनोखी है यहां की परंपरा, अपनी ही शादी में शामिल नहीं हो सकता दूल्हा, बहन लेती है दुल्हन के साथ फेरे

गुजरात के छोटा उदयपुर शहर में आदिवासियों के यहां अनोखी शादी करने का रिवाज है. यहां होने वाली शादियों में दूल्हा शामिल ही नहीं होता.

अनोखी है यहां की परंपरा, अपनी ही शादी में शामिल नहीं हो सकता दूल्हा, बहन लेती है दुल्हन के साथ फेरे
गुजरात:

छोटा उदयपुर शहर में आदिवासियों के यहां अनोखी शादी करने का रिवाज है. यहां होने वाली शादियों में दूल्हा शामिल ही नहीं होता. नियम के मुताबिक शादी में दूल्हे की जगह उसकी अविवाहित बहन या उसके परिवार की कोई और अविवाहित महिला उसका(दूल्हे) प्रतिनिधित्व करेगी. दूल्हा घर पर अपनी मां के साथ रुकेगा. वहीं दूल्हे की बहन बारात लेकर दुल्हन के घर जाएगी और उससे शादी करेगी. दूल्हे की बहन ही सात फेरे लेगी और विदा करवाकर घर लाएगी. एएनआई के मुताबिक सुरखेड़ा गांव के कानजीभई राथवा ने बताया, 'सारे रस्म रिवाज दूल्हे की बहन द्वारा पूरे किए जाते हैं. दूल्हे की बहन ही मंगल फेरे लेती है. यह प्रथा तीन गांवों में चलती है. यहां माना जाता है कि अगर ऐसा नहीं किया जाएगा तो कुछ नुकसान होगा.'

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गांव के मुखिया रामसिंहभाई राथवा ने कहा, 'कई लोगों ने इस प्रथा को तोड़ने की कोशिश की लेकिन फिर उनके साथ बुरा हुआ. या तो उनकी शादी टूट गई या उनके घर में अलग तरह की परेशानियां आईं.' हैरानी की बात ये है कि दूल्हा शेरवानी पहन सकता है, साफा पहन सकता है लेकिन अपनी शादी में शामिल नहीं हो सकता. यह परंपरा सुरखेड़ा, सनाडा और अंबल में अपनाई जाती है. 
 

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