कन्यादान एक ऐसी रस्म है जो पिता द्वारा अपनी बेटी को उसके पति को 'दूर' करने का प्रतीक है, जबकि विदाई अपने पिता के घर से दुल्हन की विदाई का प्रतीक है.
दीया मिर्जा ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में शादी की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा, "हमारे लिए सर्वोच्च बिंदु एक महिला पुजारी द्वारा आयोजित वैदिक समारोह था!"
दीया ने खुलासा किया कि उन्होंने एक महिला पुजारी को शादी समारोह का आयोजन करते हुए कभी नहीं देखा था जब तक कि वह अपनी सहेली अनन्या की शादी में शामिल नहीं हुई थी. "अनन्या का शादी का गिफ्ट जो उसने वैभव और मुझे दिया, वह था शीला अट्टा को हमारे लिए समारोह में लाना, जो कि उसकी चाची है और पुजारी है."
दीया मिर्जा ने लिखा, "यह एक महिला की आत्मा है जिसमें प्यार, आश्चर्य, विश्वास, जादुई ऊर्जा, कोमलता और गहरी सहानुभूति है जो सभी के लिए रहता है. यह महिलाओं के लिए अपनी एजेंसी, अपनी दिव्यता, अपनी शक्ति और परिभाषित करने का समय है कि क्या पुराना है और जन्म है नया क्या है. ”
अभिनेत्री और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सद्भावना राजदूत (UN Environment Goodwill Ambassador) ने अपने पोस्ट में कहा, कि यह एक महिला पुजारी द्वारा शादी करने का सौभाग्य था और उन्हें उम्मीद है कि दूसरे लोग भी ऐसा करना पसंद करेंगे.
उसने अपनी पोस्ट लिखकर यह निष्कर्ष निकाला: "इसके अलावा, हमने 'कन्यादान' और 'Bidaai' के लिए ना कहा, क्योंकि परिवर्तन पसंद के साथ शुरू होता है." दीया मिर्जा ने हैशटैग #GenerationEquality को भी जोड़ा, जिसका इस्तेमाल UN Women अपने जनरेशन इक्वैलिटी कैंपेन के लिए करती है, ताकि महिलाओं को एक समान भविष्य का अधिकार मिले.
दीया मिर्जा की इस पोस्ट को अबतक 1 लाख से भी ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं. लोग जमकर उनकी तारीफें कर रहे हैं.
बता दें कि दीया मिर्जा और वैभव रेखी की शादी में कुछ ही दोस्तों और परिवार के सदस्यों की उपस्थिति थी. उन्होंने इससे पहले वरमाला और फेरे की रस्मों की भी तस्वीरें शेयर की थीं.
पर्यावरणीय कारणों के समर्थन में मुखर रहने वाली दीया मिर्जा ने आज सुबह अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा कि शादी समारोह का आयोजन "पूरी तरह से टिकाऊ" तरीके से किया गया था, जिसमें प्लास्टिक कचरा नहीं था.