दिल्ली के रहने वाले और IIM कोझिकोड से पढ़े एक IT प्रोफेशनल सुवांश सिंघल इन दिनों सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं. वजह? उनका प्रॉविडेंट फंड (PF) क्लेम दो बार रिजेक्ट हो गया, और वो भी ऐसी वजह से जिसे सुनकर आप भी सिर पकड़ लेंगे. सिंघल ने एक्स पर अपनी भड़ास निकाली और बताया कि EPFO ने उनका क्लेम "WARNING - Multiple member IDs for same bank account" लिखकर ठुकरा दिया. और तो और, ये कमाल दो अलग-अलग बैंक अकाउंट के साथ हुआ!
"Aadhaar और cancelled cheque भी किया था सबमिट!"
सिंघल ने बताया कि उन्होंने PF क्लेम के लिए Aadhaar validation कराया और कैंसल्ड चेक भी सबमिट किया, लेकिन फिर भी EPFO ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया. उन्होंने सवाल उठाया, "एक आदमी Aadhaar और चेक सबमिट कर रहा है, तो और क्या चाहिए भाई? इंश्योरेंस सेक्टर तो इसी प्रोसेस को फॉलो करता है!"
"कॉपी-पेस्ट और रिजेक्ट!"
अपनी पोस्ट में सिंघल ने तंज कसते हुए लिखा कि EPFO एक बार भी contributor से कॉल या ईमेल करके डिटेल्स मांगने की जहमत नहीं उठाता. उन्होंने कहा, "डेस्कटॉप पर बैठा कोई एजेंट बस दो लाइन कॉपी-पेस्ट करता है और क्लेम रिजेक्ट कर देता है. न कोई गाइडेंस, न क्लियर एक्सप्लेनेशन. आदमी करे तो क्या करे?"
@socialepfo @nsitharaman
— Suansh Singhal (@SuanshSinghal) November 26, 2024
EPFO India has rejected PF Withdrawal claims twice for unnecessary reason.
Rejection Reason -> WARNING - Multiple member ids for same bank account.
So what???
1) A citizen is performing Adhaar validation and sharing copy of cancelled cheque, what… pic.twitter.com/b7MYsYa0I5
सोशल मीडिया पर मजेदार रिएक्शन
उनकी पोस्ट वायरल होने के बाद EPFO ने रिप्लाई करते हुए UAN (Universal Account Number) मांगा. सिंघल ने कहा, "DM में UAN भेज दिया है." लेकिन सोशल मीडिया पर लोगों का रिएक्शन ज़बरदस्त था. कई लोगों ने EPFO के सिस्टम पर सवाल उठाए, तो कुछ ने अपने खुद के एक्सपीरियंस शेयर किए.
एक यूजर ने लिखा, "EPFO का सिस्टम ऐसा है कि आपकी फाइल तभी आगे बढ़ती है जब 'तारे जमीन पर' वाला मैजिक होता है." वहीं, किसी ने मजाक में कहा, "भाई, अगली बार क्लेम के साथ पूजा-पाठ भी कर लेना, शायद भगवान मान जाएं!"
EPFO को बदलने की जरूरत?
सिंघल की पोस्ट पर 4 लाख से ज्यादा व्यूज आ चुके हैं. ये पूरी घटना EPFO की प्रोसेस पर सवाल खड़े करती है. सिंघल का कहना है, "आप सालों तक PF में पैसे डालते हैं, लेकिन जब वाकई जरूरत होती है तो सिस्टम आपको उलझा देता है."
क्या EPFO अपनी पॉलिसी को थोड़ा सरल और contributor-friendly बनाए. ये बेहद अहम और जरूरी सवाल है, लेकिन इसका जवाब केवल सक्षम अधिकारी ही दे सकते हैं.
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