जाको राखे साइयां, मार सके न कोय, यह कहावत तो आपने सुनी होगी. इंटरनेट पर अक्सर ऐसे ही कुछ मामले देखने और सुनने को मिल जाते हैं, जिन पर यकीन कर पाना मुश्किल हो जाता है. ऐसी कई घटनाएं हैं, जो पहली नजर में किसी चमत्कार से कम नहीं लगती. वहीं कई बार कुछ घटनाएं रूह तक कंपा देती हैं. ऐसा ही एक मामला इन दिनों सोशल मीडिया पर लोगों के होश उड़ा रहा है, जिसमें ताबूत में लेटी एक महिला जिंदा हो उठी और ताबूत खटखटाकर उसे खोलने के लिए कहने लगी.
दरअसल, एक महिला को मृत समझकर उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था, लेकिन तभी महिला मौत की नींद से जाग उठी और ताबूत खटखटाकर उसे खोलने के लिए कहने लगी. चौंका देने वाला ये मामला इक्वाडोर के बाबाहोयो शहर का बताया जा रहा है. न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बीते शुक्रवार 76 वर्षीय बेला मोंटाया (Bella Montoya) को ब्रेन स्ट्रोक के बाद परिजन आनन-फानन में अस्पताल ले गए, जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इतना ही नहीं महिला का डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया. जब रिश्तेदार उन्हें ताबूत में लेकर घर पहुंचे तो बुजुर्ग महिला की सांसें चल पड़ी. ताबूत के अंदर बुजुर्ग महिला को सांस लेते देखकर वहां मौजूद लोग हक्के बक्के रह गए. फिलहाल बुजुर्ग महिला को फिर से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.
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— Alerta Mundial (@AlertaMundial2) June 10, 2023
Una mujer que fue declarada muerta por un médico, revivió en pleno sepelio ante la mirada de sus familiares, inmediatamente fue trasladado al hospital Martin Icaza donde la volvieron a atender, ocurrió en Babahoyo, Ecuador. pic.twitter.com/nYn0o5jDab
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इक्वाडोर के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस घटना की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, महिला को कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट आया था. उनका शरीर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था. जांच के बाद ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर दिया था. फिलहाल घटना की जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है. जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे सजा दी जाएगी.
इस पूरे मामले में बेला मोंटाया के बेटे गिल्बर्ट बलबर्न ने स्थानीय मीडिया को बताया कि, उनकी मां को सुबह करीब 9 बजे भर्ती कराया गया था और दोपहर में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. उन्हें कई घंटों तक ताबूत में रखा गया. जब हमनें घर पर ताबूत खोला तो वह सांसें ले रही थीं, जिसके बाद बिना देरी किए हम उन्हें अस्पताल ले गए. मेरी मां मरी नहीं थी, उसके बाद भी उनके नाम का डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया.
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