पुलिस ने मृतक 50 वर्षीय वी. सैयद का शव बरामद कर लिया है (प्रतीकात्मक चित्र)
मलप्पुरम:
केरल के मलप्पुरम में एक परिवार द्वारा परिवार के ही एक मृत सदस्य का शव तीन महीने तक घर में रखे रहने का मामला सामने आया है. मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि परिवार वालों ने ऐसा इसलिए किया, क्योंकि उन्हें विश्वास था कि मृतक फिर से जीवित हो जाएगा. पुलिस ने मृतक 50 वर्षीय वी. सैयद का शव बरामद कर लिया है.
सैयद मध्य पूर्व के एक देश में कुछ समय तक काम करने के बाद भारत लौट आया था और धार्मिक गुरु बन गया था. परिवार के सदस्यों द्वारा किसी के भी साथ संपर्क न रखने की शिकायत के बाद पुलिस ने बुधवार को घर का दरवाजा तोड़ दिया और यह देखकर सभी चौंक गए कि घर में फर्श पर पड़ा मृतक कंकाल में बदल चुका था और उसकी पत्नी, उसके दो बेटे और एक बेटी शव के चारों ओर प्रार्थना की मुद्रा में बैठे हुए थे.
पुलिस द्वारा घर का दरवाजा तोड़े जाने के समय वहीं मौजूद रहे स्थानीय पार्षद ने कहा कि परिवार के चारों सदस्य शव को घेरकर प्रार्थना करते दिखे. पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया है और शव को जांच के लिए भेज दिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार, परिवार के सदस्य किसी से भी संपर्क नहीं रखते थे और हमेशा अपने आप में खोए रहते थे.
कोलाथुर पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में उन्हें किसी तरह के साजिश का संदेह नहीं लग रहा. परिवार के सभी सदस्यों को उनके बयान लेकर छोड़ दिया गया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सैयद मध्य पूर्व के एक देश में कुछ समय तक काम करने के बाद भारत लौट आया था और धार्मिक गुरु बन गया था. परिवार के सदस्यों द्वारा किसी के भी साथ संपर्क न रखने की शिकायत के बाद पुलिस ने बुधवार को घर का दरवाजा तोड़ दिया और यह देखकर सभी चौंक गए कि घर में फर्श पर पड़ा मृतक कंकाल में बदल चुका था और उसकी पत्नी, उसके दो बेटे और एक बेटी शव के चारों ओर प्रार्थना की मुद्रा में बैठे हुए थे.
पुलिस द्वारा घर का दरवाजा तोड़े जाने के समय वहीं मौजूद रहे स्थानीय पार्षद ने कहा कि परिवार के चारों सदस्य शव को घेरकर प्रार्थना करते दिखे. पुलिस ने परिवार के सभी सदस्यों को हिरासत में ले लिया है और शव को जांच के लिए भेज दिया है. स्थानीय लोगों के अनुसार, परिवार के सदस्य किसी से भी संपर्क नहीं रखते थे और हमेशा अपने आप में खोए रहते थे.
कोलाथुर पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में उन्हें किसी तरह के साजिश का संदेह नहीं लग रहा. परिवार के सभी सदस्यों को उनके बयान लेकर छोड़ दिया गया.
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