विज्ञापन
This Article is From Nov 22, 2023

टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में अब मदद करेंगे ये 2 रोबोट, ऐसे काम करते हैं DRDO के दक्ष ब्रदर्स

डीआरडीओ ने उत्तरकाशी स्थल पर बचाव टीमों के अनुरोध पर दक्ष मिनी और दक्ष स्काउट को भेजा है, जहां पिछले रविवार को भूस्खलन के कारण 41 श्रमिक फंस गए थे.

टनल में फंसे मजदूरों को निकालने में अब मदद करेंगे ये 2 रोबोट, ऐसे काम करते हैं DRDO के दक्ष ब्रदर्स

उत्तराखंड सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए चौबीसों घंटे ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को अब दो रोबोट्स का साथ मिलेगा. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के कारण 11 दिनों तक चलने वाले रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए दो रिमोटली आपरेटेड व्हीकल्स भेजे हैं. डीआरडीओ ने उत्तरकाशी स्थल पर बचाव टीमों के अनुरोध पर दक्ष मिनी और दक्ष स्काउट को भेजा है, जहां पिछले रविवार को भूस्खलन के कारण 41 श्रमिक फंस गए थे. मिट्टी की प्रकृति और विपरीत परिस्थितियों के कारण सुरंग में बचाव अभियान धीमी गति से आगे बढ़ रहा है.

ऐसा है दक्ष मिनी (Uttarakhand tunnel tragedy)

दक्ष मिनी एक रिमोट वाहन है, जो सीमित स्थान में इस्तेमाल के लिए बनाया गया है. यह एक बार चार्ज करने पर दो घंटे तक काम कर सकता है और इसकी रिमोट रेंज लगभग 200 मीटर है. आरओवी अपने हाथ का उपयोग कर सकता है, जिसे मैनिपुलेटर आर्म के रूप में जाना जाता है. 20 किलोग्राम तक भार उठाने के लिए और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को संभालने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. दक्ष मिनी में उच्च रिज़ॉल्यूशन वाले कैमरे भी हैं, ताकि इसका इस्तेमाल करने वाला इसे बेहतर ढंग से संभाल सके.

दक्ष स्काउट की ये है खासियत (uttarkashi tunnel accident)

वहीं दक्ष स्काउट निगरानी के लिए डिज़ाइन किया गया एक निगरानी रोवर है. यह किसी भी तरह की सतह पर काम कर सकता है. यह सीढ़ियां भी चढ़ सकता है और झुकी हुई सतहों पर उतर भी सकता है. रोवर में 360 डिग्री दृश्य के लिए कैमरे हैं और इससे आस-पास का रियल टाइम व्यू देखा जा सकता है. दक्ष स्काउट चौबीसों घंटे काम कर सकता है और इसमें बम निष्क्रिय करने जितनी उन्नत क्षमताएं हैं.

इन दोनों रोवर्स का बड़ा प्लस प्वाइंट उनकी पोर्टेबिलिटी है. दोनों का मास्टर कंट्रोल बैकपैक में फिट हो सकता है और कहीं भी ले जाया जा सकता है.

10 दिनों से फंसे 41 मजदूर (Uttarakhand Tunnel Collapse)

बता दें कि 41 मजदूर 12 नवंबर से निर्माणाधीन सुरंग में फंसे हुए हैं. यह सुरंग, केंद्र की महत्वाकांक्षी चार धाम परियोजनाओं का हिस्सा है, जो उत्तरकाशी और यमुनोत्री को जोड़ने के लिए प्रस्तावित सड़क पर उत्तराखंड में सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच स्थित है. बचावकर्मियों का कहना है कि, उन्होंने मलबे में लगभग आधा ड्रिल कर लिया है और वे एक पाइप को इतना चौड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं कि, लोग रेंगकर बाहर निकल सकें.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com