हैदराबाद:
हैदराबाद के निलोफर अस्पताल ने आंध्र प्रदेश सरकार से अपील की है कि वह आपस में जुड़ी वीणा और वाणी की अच्छी परवरिश का इंतजाम करे। इन बच्चियों के मजदूर माता−पिता इन्हें साथ ले जाने को तैयार नहीं हैं। उन्हें डर है कि गांव ले जाने पर लोग आपस में जुड़ी होने की वजह से इन बच्चियों को परेशान करेंगे।
वह इन बच्चियों को तभी ले जाना चाहते हैं जब इन्हें ऑपरेशन से अलग कर दिया जाए लेकिन डॉक्टर इसे जोखिम भरा बता रहे हैं। पैदा होने के बाद से ये अस्पताल ही वीणा और वाणी का घर है। डॉक्टरों का कहना है कि ये बच्चियां अब 8 साल की हो गई हैं और अभी तक समाज से कटी हुई हैं। वह दिन रात डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच रहती हैं। यहां सिर्फ बीमारियां और मौतें देखती हैं जो कि उनके मनोवैज्ञानिक विकास के लिए ठीक नहीं है।
वह इन बच्चियों को तभी ले जाना चाहते हैं जब इन्हें ऑपरेशन से अलग कर दिया जाए लेकिन डॉक्टर इसे जोखिम भरा बता रहे हैं। पैदा होने के बाद से ये अस्पताल ही वीणा और वाणी का घर है। डॉक्टरों का कहना है कि ये बच्चियां अब 8 साल की हो गई हैं और अभी तक समाज से कटी हुई हैं। वह दिन रात डॉक्टर, नर्स और अस्पताल के कर्मचारियों के बीच रहती हैं। यहां सिर्फ बीमारियां और मौतें देखती हैं जो कि उनके मनोवैज्ञानिक विकास के लिए ठीक नहीं है।
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