अंडमान में तटरक्षक ने लुप्तप्राय ओलिव रिडले प्रजाति के कछुए को बचाया.
पोर्ट ब्लेयर:
भारतीय तटरक्षक ने अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पास फंसे एक ओलिव रिडले कछुए को मुक्त कराने के लिए रविवार को एक अनोखा बचाव अभियान चलाया.
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से लगे समुद्र में एक गश्ती नौका ने एक ओलिव रिडले कछुए को मछली पकड़ने वाले जाल में फंसा देखा. तटरक्षक के सदस्यों ने कछुए को बचाकर उसे पोर्ट ब्लेयर में वन विभाग को सौंप दिया. ओलिव रिडले समुद्री कछुए को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची में रखा गया है, क्योंकि इसे दुनियाभर में कमजोर और भारत में लुप्तप्राय माना गया है. इन कछुओं को लुप्तप्राय इसलिए माना गया है, क्योंकि दुनिया में चंद स्थान बचे हैं, जहां ये अंडे देते हैं.
VIDEO : कछुओं ने रोका जलपोत
इन कछुओं को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची-1 में रखा गया है, जिसका मतलब यह होता है कि इस सूची में शामिल किसी जंतु को नुकसान पहुंचाने या मारने पर भारी जुर्माना अदा करना पड़ेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से लगे समुद्र में एक गश्ती नौका ने एक ओलिव रिडले कछुए को मछली पकड़ने वाले जाल में फंसा देखा. तटरक्षक के सदस्यों ने कछुए को बचाकर उसे पोर्ट ब्लेयर में वन विभाग को सौंप दिया. ओलिव रिडले समुद्री कछुए को अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) की लाल सूची में रखा गया है, क्योंकि इसे दुनियाभर में कमजोर और भारत में लुप्तप्राय माना गया है. इन कछुओं को लुप्तप्राय इसलिए माना गया है, क्योंकि दुनिया में चंद स्थान बचे हैं, जहां ये अंडे देते हैं.
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इन कछुओं को भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की अनुसूची-1 में रखा गया है, जिसका मतलब यह होता है कि इस सूची में शामिल किसी जंतु को नुकसान पहुंचाने या मारने पर भारी जुर्माना अदा करना पड़ेगा.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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