प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
चीन के हुनान प्रांत में एक यूनिवर्सिटी अपने छात्रों को लॉटरी निकाल कर मुख्य विषय आवंटित करने की वजह से विवादों में है।
अखबार 'पीपुल्स डेली' के मुताबिक, आठ सितंबर की शाम दक्षिण चीन के विश्वविद्यालय का सभागार खचाखच भरा हुआ था। यहां हजारों की संख्या में छात्र लॉटरी के जरिये अपने मेन सब्जेक्ट लेने के लिए कतार में लगे थे।
स्कूल के एक प्रशासनिक अधिकारी लू किंगहुआ ने कहा, 'हम यह कदम उठाने के लिए मजबूर थे। मुख्य विषय अगर छात्रों की इच्छा पर दे दिया गया तो कुछ विभागों में खूब भीड़ हो जाएगी, जबकि कुछ में सीटों को भरना भी मुश्किल हो जाएगा। कई दूसरे कॉलेज भी हैं, जो इसी तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।'
वहीं आलोचकों का कहना है कि विश्वविद्यालयों के ये तरीके उनके सुस्त प्रणाली को दर्शाते हैं। एक इंटरनेट उपयोगकर्ता ने न्यूज़ पोर्टल 'सोहू डॉट कॉम' पर कहा, "कॉलेजों में जिम्मेदारी की भावना की कमी है। छात्रों को अपने मनमुताबिक मुख्य विषयों को चुनने का अधिकार होना चाहिए। कॉलेजों को अन्य विषयों में संतुलन बनाए रखने के लिए छात्रों के निजी विकास की संभावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।'
अखबार 'पीपुल्स डेली' के मुताबिक, आठ सितंबर की शाम दक्षिण चीन के विश्वविद्यालय का सभागार खचाखच भरा हुआ था। यहां हजारों की संख्या में छात्र लॉटरी के जरिये अपने मेन सब्जेक्ट लेने के लिए कतार में लगे थे।
स्कूल के एक प्रशासनिक अधिकारी लू किंगहुआ ने कहा, 'हम यह कदम उठाने के लिए मजबूर थे। मुख्य विषय अगर छात्रों की इच्छा पर दे दिया गया तो कुछ विभागों में खूब भीड़ हो जाएगी, जबकि कुछ में सीटों को भरना भी मुश्किल हो जाएगा। कई दूसरे कॉलेज भी हैं, जो इसी तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं।'
वहीं आलोचकों का कहना है कि विश्वविद्यालयों के ये तरीके उनके सुस्त प्रणाली को दर्शाते हैं। एक इंटरनेट उपयोगकर्ता ने न्यूज़ पोर्टल 'सोहू डॉट कॉम' पर कहा, "कॉलेजों में जिम्मेदारी की भावना की कमी है। छात्रों को अपने मनमुताबिक मुख्य विषयों को चुनने का अधिकार होना चाहिए। कॉलेजों को अन्य विषयों में संतुलन बनाए रखने के लिए छात्रों के निजी विकास की संभावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।'
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं