प्रतीकात्मक तस्वीर
बीजिंग:
चीन के अभिलेखागार प्रशासन ने रविवार को द्वितीय विश्वयुद्ध के बारे में कुछ ऐतिहासिक रिपोर्ट्स और चिट्ठियों की एक सीरीज जारी की है। इसमें जापान की सेना द्वारा बड़ी संख्या में चीनी महिलाओं को यौन दासियां बनाने पर नए सबूत पेश किए गए हैं। इन यौन दासियों को 'कंफर्ट महिलाएं' कहा जाता है।
चीन के कैफांग में तैनात जापानी सैनिक हिदियो तोमूरा के एक फरवरी 1941 को लिखे पत्र के मुताबिक, 'जापान की सेना कंफर्ट स्टेशन पर इन यौन दासियों के रहने के लिए विशेष प्रबंधन करती थी। ये यौन दासियां सेना के साथ-साथ रहती थीं।'
जिलिन प्रांतीय अभिलेखागार द्वारा प्रदान कराए गए अन्य दस्तावेज से एक युवा जापानी सैनिक की जीवन स्थिति और उसके मन की व्यथा का पता चलता है। यह जापानी सैनिक अपने कौमार्य को सुरक्षित रखना चाहता था लेकिन इस वजह से सेना में उसका मजाक बनाया गया, जिससे उसका मनोबल गिर गया। इस सैनिक ने अंत में सेना के कंफर्ट स्टेशन में कोरिया की यौन दासी के साथ यौन संबंध बनाए। इसका परिणाम यह हुआ कि सैनिक यौन बीमारियों से ग्रस्त हो गया। इन जारी किए गए दस्तावेजों में जापान की सैन्य रपटें भी शामिल हैं।
चीन के कैफांग में तैनात जापानी सैनिक हिदियो तोमूरा के एक फरवरी 1941 को लिखे पत्र के मुताबिक, 'जापान की सेना कंफर्ट स्टेशन पर इन यौन दासियों के रहने के लिए विशेष प्रबंधन करती थी। ये यौन दासियां सेना के साथ-साथ रहती थीं।'
जिलिन प्रांतीय अभिलेखागार द्वारा प्रदान कराए गए अन्य दस्तावेज से एक युवा जापानी सैनिक की जीवन स्थिति और उसके मन की व्यथा का पता चलता है। यह जापानी सैनिक अपने कौमार्य को सुरक्षित रखना चाहता था लेकिन इस वजह से सेना में उसका मजाक बनाया गया, जिससे उसका मनोबल गिर गया। इस सैनिक ने अंत में सेना के कंफर्ट स्टेशन में कोरिया की यौन दासी के साथ यौन संबंध बनाए। इसका परिणाम यह हुआ कि सैनिक यौन बीमारियों से ग्रस्त हो गया। इन जारी किए गए दस्तावेजों में जापान की सैन्य रपटें भी शामिल हैं।
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