आधी आबादी की आकांक्षा रहती है कि वो भी पुरुषों के साथ मिलकर देश के विकास में अपनी भागिदारी निभाए. ऐसे में वो जी-जान लगा कर मेहनत करती है और देश का नाम रौशन करती है. आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने इतिहास रच दिया है. ऐसा करने वाली वो पहली भारतीय महिला (Indian Woman) बन चुकी हैं. देश और दुनिया के लोग इनकी तारीफ भी कर रहे हैं.
CCL gets its first ever #women mining engineer, Ms Akanksha Kumari.
— Central Coalfields Limited (@CCLRanchi) August 31, 2021
A graduate of BIT Sindri, Ms Kumari broke the gender barriers by joining Churi UG mine, NK Area. She became the 1st women mining engineer in the history of CIL to work in underground mines
Salute to #WomenPower pic.twitter.com/s0twlDPpws
क्या है मामला?
झारखंड की अकांक्षा कुमारी (Akanksha Kumari) अंडरग्राउंड कोल माइन्स (Underground Coal Mines) में काम करने वाली पहली महिला इंजीनियर (Engineer) बन गई हैं. अभी तक लोगों को लगता था कि खदान में सिर्फ मर्द ही जा सकते हैं, मगर अकांक्षा ने एक नया इतिहास गढ़ दिया है.
Progressive Governance: To promote gender equality & generate more opportunities, Govt under PM @narendramodi ji allowed women to work in underground coal mines.
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) August 31, 2021
Ms Akanksha Kumari becomes the 1st woman mining engineer in @CoalIndiaHQ to work in an underground mine.@smritiirani pic.twitter.com/M58KQP1JCB
कौन है अकांक्षा?
आकांक्षा कुमारी झारखंड के हज़ारीबाग के बरकागांव की रहने वाली हैं. इनकी उम्र अभी महज 25 साल ही हैं. हज़ारीबाग में रहने के कारण इन्हें कोयले की अच्छी जानकारी है, ऐसे में इन्होंने कोयला के क्षेत्र में ही अपना करियर बनाया. इनकी शुरुआती पढ़ाई नवोदय विद्यालय से हुई बाद में माइंस की पढ़ाई के लिए अकांक्षा ने धनबाद के बिरसा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सिंदरी से माइनिंग इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया.
A big congratulations to Ms. Akanksha Kumari to become the 1st woman mining engineer in @CoalIndiaHQ to work in an underground mine. You are an inspiration to many women. #WomenEmpowerment https://t.co/RltxP6ZVcx
— Coal Ministry (@CoalMinistry) August 31, 2021
अकांक्षा जैसी महिलाएं हमारे लिए उदाहरण हैं. अपनी मेहनत और लगन से इन्होंने एक मिसाल कायम किया है. आज कई लड़कियों के लिए अकांक्षा एक प्रेरणा बन चुकी हैं.
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