दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो जाने के बाद ‘ब्रेन-डेड' घोषित किये गए 33 वर्षीय एक व्यक्ति ने चार लोगों को नयी जिंदगी दी है. दरअसल, उनका परिवार उनके हृदय सहित महत्वपूर्ण अंगों को दान करने के लिए सहमत हो गया. महाराष्ट्र के रायगढ़ जिला निवासी अजय खैनुर के हृदय को शीघ्रता से चेन्नई के एक अस्पताल में ले जाने के लिए यातायात पुलिस ने शनिवार को एक ‘ग्रीन कॉरीडोर' बनाया था.
पुलिस ने बताया कि उनके हृदय को नवी मुंबई के अपोलो अस्पताल से 38 किमी दूर मुंबई हवाई अड्डा 40 मिनट में ले जाया गया. कोल्हापुर शहर के रहने वाले अजय को शुक्रवार को ‘ब्रेन-डेड' घोषित कर दिया गया था. वह जिस फैक्टरी में काम करते थे, वहां दुर्घटना के शिकार हो गए थे. उन्हें नाजुक हालत में अपोलो अस्पताल लाया गया था. अस्पताल के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
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अजय के परिवार में उनकी पत्नी और छह साल की एक बेटी है. वे उनके अंगों को दान करने के लिए सहमत हो गए. उनका लीवर और एक गुर्दा (किडनी) अपोलो अस्पताल में अन्य रोगियों में प्रतिरोपित किया गया जबकि दूसरा गुर्दा वाशी स्थित फोर्टिस अस्पताल के एक रोगी में प्रतिरोपित किया गया. प्रवक्ता ने बताया कि चूंकि हृदय प्रतिरोपण के लिए अनिवार्य मिलान रखने वाला ग्राही चेन्नई में उपलब्ध था, इसलिए यह शनिवार को विमान से वहां ले जाया गया.
(इनपुट- भाषा)
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