बिहार सरकार एक अलग प्रोजेक्ट के ज़रिए पूरे देश में छाई हुई है. दरअसल, बिहार सरकार गंगा नदी के बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में परिवर्तित कर जनता के घरों में प्रतिदिन 135 लीटर पानी पहुंचा रही है. अभी हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ड्रीम प्रोजेक्ट 'हर घर गंगाजल' योजना का आगाज कर दिया. नीतीश कुमार ने नालंदा जिले के राजगीर में रविवार को गंगा जल आपूर्ति परियोजना को लॉन्च किया. इस कार्यक्रम में उनके साथ उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान सीएम और डीप्टी सीएम ने गंगा आरती भी की. साथ ही साथ गंगा जल आपूर्ति योजना का स्विच दबाकर आगाज किया.
गंगाजल आपूर्ति योजना के कार्य को पूर्ण करना किसी चुनौती से कम नहीं था। गंगा के पानी को राजगीर, गया, बोधगया तक पहुंचाने के लिए जल संसाधन विभाग की टीम ने सड़क, गैस पाइप लाइन,रेलवे लाइन,पहाड़ों के ऊपर और कई छोटी-बड़ी नदी जैसी चुनौतियों को पार करते हुए लगभग 151 किलोमीटर तक बिछाया है। pic.twitter.com/e4fWUp2gGo
— IPRD Bihar (@IPRD_Bihar) December 2, 2022
हम सभी जानते हैं कि बिहार के दक्षिणी हिस्से में पानी की किल्लत रहती है. लोगों को पेयजल नहीं मिल पाता है. ऐसे में ये परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है. दिसंबर 2019 में ही सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की विशेष बैठक हुई थी. देश में पहली बार गंगा नदी के बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में परिवर्तित कर 7.5 लाख लोगों की प्यास बुझाने का लक्ष्य रखा गया है. यह सीएम नीतीश कुमार की महत्वकांक्षी परियोजना है. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इस परियोजना को पूरा कर रही है.
#HarGharGangaJal💧 आज से गया व बोधगया में भी।
— Water Resources Department, Government of Bihar (@WRD_Bihar) November 28, 2022
माननीय सीएम श्री @NitishKumar आज 'गंगा जल आपूर्ति योजना' का गया व बोधगया में करेंगे लोकार्पण।
बाढ़ के पानी को पेयजल के रूप में उपयोग करने की यह क्रांतिकारी योजना देश के लिए नजीर बनेगी। #GangajalAapurtiYojana
आप सादर आमंत्रित हैं। pic.twitter.com/fdGIhOTWNn
देखा जाए तो यह परियोजना बहुत ही शानदार है. बाढ़ के पानी को संरक्षित कर उसे पेयजल में परिवर्तित कर बिहार के तीन जगहों पर जल पहुंचाया जा रहा है. इसमें बोध गया, गया और नालंदा है. इन तीनों जगहों पर पानी की बहुत ही ज्यादा समस्या है. पर्यटन के लिहाज से ये तीनों जगह बहुत ही ऐतिहासिक हैं. 2051 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना की शुरुआत की गई. फिलहाल 25 लाख से अधिक लोगों को इस परियोजना का लाभ मिलेगा. इस परियोजना के माध्यम से बाढ़ के मौसम के दौरान गंगा नदी का पानी लेकर जल संकट वाले इलाकों में ले जाया जाएगा और तीन जलाशयों में इसे संग्रहित किया जाएगा.
गाजल आपूर्ति योजना का बजट 400 करोड़ रुपये है. इसके लिए 151 किलोमीटर तक लंबी पाइप बिछाई गई है. शुरुआत में ये प्रोजेक्ट गया, राजगीर और बोध गया के लिए है. आने वाले दिनों में अन्य जिलों के लिए भी उपलब्ध करवाया जाएगा.
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