यह ख़बर 21 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बिन मां की बच्ची की मदद को आगे आई राजस्थान सरकार

खास बातें

  • राजस्थान सरकार ने उस एक महीने की कम वजन और कमजोर बच्ची का चिकित्सकीय खर्च वहन करने का निर्णय किया जिसे भरतपुर में उसके जन्म के बाद से ही रिक्शा चलाने वाला उसका पिता कपड़े में लपेटकर अपने साथ घुमाने को विवश है।
जयपुर:

राजस्थान सरकार ने उस एक महीने की कम वजन और कमजोर बच्ची का चिकित्सकीय खर्च वहन करने का निर्णय किया जिसे भरतपुर में उसके जन्म के बाद से ही रिक्शा चलाने वाला उसका पिता कपड़े में लपेटकर अपने साथ घुमाने को विवश है।

रिक्शा चलाने वाले बब्लू की पत्नी शांति गत 20 सितम्बर को बच्ची को जन्म देते वक्त मौत हो गई थी। बच्ची की देखभाल करने वाला कोई नहीं है जिसके चलते बब्लू उसे रिक्शा चलाते हुए उसे कपड़े में बांधकर अपनी गर्दन में लटकाए रहता है।

गरीब पिता की पीड़ा पर जब लोगों का ध्यान गया तो वे उसकी विभिन्न तरीके से मदद को आगे आए।

एक बाल रोग विशेषज्ञ ने बच्ची को अपनी देखरेख में लिया और जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश शुक्ल को बेहतर इलाज के लिए उसे जयपुर भेजने की सलाह दी।

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जिलाधिकारी ने कहा, ‘बच्ची का वजन बहुत कम है और उसमें खून की कमी है। हालांकि उसकी हालत स्थिर है। चिकित्सक ने बेहतर चिकित्सा के लिए जयपुर भेजने की सलाह दी है।’ उन्होंने कहा, ‘भरतपुर और जयपुर के चिकित्सकों की सलाह पर उसे जयपुर भेजने का निर्णय किया गया तथा उसकी इलाज का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।’ उन्होंने कहा कि वह अपने पिता, दादा और बाल रोग विशेषज्ञ के साथ जयपुर जा रही है जहां उसे एक निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जयपुर में इलाज के दौरान सरकार उसके पिता और दादा की भी देखभाल करेगी। स्थानीय गैर सरकारी संगठनों ने भी बब्लू को मदद की पेशकश की है।