बाबा रामदेव ने लॉन्च की 'Corona Kit', तो ट्विटर पर हुई Memes की बरसात, शेयर हुए ऐसे Jokes

योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बीच पतंजलि (Patanjali) ने कोरोना आयुर्वेदिक किट (Corona Kit) लॉन्च की. किट लॉन्च के बाद से ट्विटर पर #Coronil ट्रेंड कर रहा है. लोग ऐसे मीम्स (Memes) और जोक्स शेयर कर रहे हैं.

बाबा रामदेव ने लॉन्च की 'Corona Kit', तो ट्विटर पर हुई Memes की बरसात, शेयर हुए ऐसे Jokes

बाबा रामदेव ने लॉन्च की 'Corona Kit', तो ट्विटर पर हुई Memes की बरसात

योगगुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने मंगलवार को कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के बीच पतंजलि (Patanjali) ने कोरोना आयुर्वेदिक किट (Corona Kit) लॉन्च की. पतंजलि (Patanjali) का दावा है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान 100 प्रतिशत नतीजे दिखाए पड़े हैं. पंतजलि का दावा है कि इससे सात दिन में 100 प्रतिशत कोरोना मरीज ठीक हुए हैं. पतंजलि के संस्थापक योगगुरु रामदेव ने कहा कि दवा का नाम 'कोरोनिल और श्वासरि' है. इसे देशभर में 280 मरीजों पर ट्रायल और रिसर्च करके विकसित किया गया है. हालांकि COVID-19 के किसी भी वैकल्पिक इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, यहां तक कि कई देशों द्वारा टीकों का परीक्षण किया जा रहा है. कोरोना आयुर्वेदिक किट लॉन्च के बाद से ट्विटर पर #Coronil ट्रेंड कर रहा है. लोग ऐसे मीम्स (Memes) और जोक्स शेयर कर रहे हैं...

उधर, इस कोरोना आयुर्वेदिक किट को लेकर आयुष मंत्रालय (AYUSH) की ओर से प्रतिक्रिया आई है. आयुष मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए कहा कि उसे पतंजलि की इस दवा के बारे में किसी तरह की साइंटफिक स्टडी की सूचना नही है.

इतना ही नहीं मंत्रालय ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से कोविड की दवा की कम्पोजिशन, रिसर्च स्‍टडी और सैम्पल साइज समेत तमाम जानकारी मांगी है. वहीं उत्तराखंड सरकार के सम्बंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी से इस प्रोडक्ट की अप्रूवल की कॉपी भी मांगी गई है. साथ ही आयुष मंत्रालय ने पतंजलि ग्रुप से परीक्षण होने तक इस दवा के प्रचार-प्रसार न करने को कहा. 

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अस्वीकरण : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इस दवा से जुड़ी सारी जानकारी पतंजलि की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताई गई बातों पर निर्भर है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें. एनडीटीवी इस जानकारी की प्रमाणिकता की जिम्मेदारी नहीं लेता. COVID-19 के किसी भी वैकल्पिक इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है, यहां तक कि कई देशों द्वारा टीकों का परीक्षण किया जा रहा है।