मुंबई : अपनों की मौत का सामना करने का हौंसला अच्छे-अच्छों में नहीं होता, तब अंतिम संस्कार की तैयारियां सगे-संबंधी करते हैं, लेकिन जब दोस्त और परिवार भी आपकी आखिरी घड़ी में पास न हों तो आप अंतिम संस्कार का कॉन्ट्रैक्ट देकर बेफ़िक्र हो सकते हैं।
सुखांत फ़्यूनरल नाम की इस सेवा के आयोजकों का दावा है 10,700 रुपये के भुगतान पर कंधा देने वालों से एम्ब्युलैन्स तक, पुजारी से लेकर डेथ सर्टिफिकेट की कार्रवाई तक सारे काम कंपनी करवा देगी।
ये सेवा सुनने में अटपटी और चौंकाती लगती हो, लेकिन इसमें कई लोगों ने रुचि दिखाने का दावा कंपनी ने किया है। प्रबंधक संजय बानगुडे ने एनडीटीवी से कहा, अकेले रहते बुज़ुर्ग या एनआरआई बच्चों के मां-बाप ही नहीं, कॉर्पोरेट क्षेत्र में काम करती युवा पीढ़ी भी इस सेवा को सकारात्मकता से देख रही है। हमने 7000 लोगों का सर्वे किया और अच्छे नतीजे देखकर ही इस सेवा को शुरू किया।
तकनीक के सहारे अंत्येष्टि की तस्वीरें और मृतकों की फोटोफ्रेम भी दूर बसे रिश्तेदारों तक पहुंचाने के वादे के साथ 20 किलोमीटर के दायरे में अस्थि विसर्जन कराने का दावा कंपनी के पर्चे पर लिखा है।
अंतिम संस्कारों की आउटसोर्सिंग सुनने में अटपटी भले लगे, लेकिन कुछ साल बाद यह चलन भी बन सकती है।
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