यह ख़बर 19 अगस्त, 2011 को प्रकाशित हुई थी

नवजात शिशुओं का नाम 'अन्ना' रखने की होड़

खास बातें

  • भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले अन्ना हजारे का जुनून लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग अपनी भावी पीढ़ी को अन्ना हजारे जैसा बनाना चाह रहे हैं, इसीलिए नवजात शिशुओं के नाम 'अन्ना' रखे जा रहे हैं।
भोपाल:

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे का जुनून लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। लोग अपनी भावी पीढ़ी को अन्ना हजारे जैसा बनाना चाह रहे हैं, इसीलिए नवजात शिशुओं के नाम 'अन्ना' रखे जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अन्ना के आंदोलन के समर्थन में प्रदेश भर में धरना प्रदर्शनों का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिला चिकित्सालय में हाल ही में जन्मे तीन नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका नाम 'अन्ना' रखा है। अभिभावक भारत सिंह ने अपने बेटे का नाम सिर्फ इसलिए अन्ना रखा है, क्योंकि उनके परिवार में यह मेहमान तब आया है, जब देश में अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। भारत सिंह कहते हैं कि आज देश का हर नागरिक भ्रष्टाचार से परेशान है और अन्ना हजारे ने इसके खात्मे के लिए आंदोलन की शुरुआत की है। वह चाहते हैं कि उनका बेटा भी अन्ना जैसा बने और देश के लिए कुछ करने के साथ उनका भी नाम रोशन करे। इसी तरह शैलेंद्र व हीरा यादव के यहां भी बच्चों का जन्म हुआ है और उन्होंने भी अपने बेटों का नाम 'अन्ना' रखा है। वे कहते हैं कि आज अन्ना देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के प्रतीक बन गए हैं, लिहाजा वे चाहते है कि उनके बेटे भी अन्ना हजारे जैसे ही बनें, इसलिए उनका नाम 'अन्ना' रखा है। जिला चिकित्सालय का स्टाफ भी यह बताता है कि पिछले दिनों जन्मे तीन नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका नाम अन्ना रखा है। वह कहते हैं कि यह पहला अवसर है, जब नवजात शिशुओं के पालकों ने उनका एक जैसा नाम रखा हो। अन्ना के आंदोलन का असर मध्य प्रदेश में भी नजर आ रहा है। धरना, प्रदर्शनों का दौर जारी है, भिंड जिले के एहतरार गांव में पूरा गांव ही अनशन पर बैठ गया है। इसमें हर वर्ग के लोग शामिल हैं। इसके अलावा सागर जिले के बीना में लोग गीत-संगीत के जरिए अन्ना के आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।


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