समाज की कड़वी सच्चाई को चोट पहुंचाता यह वीडियो (Video) लड़का-लड़की के आधार पर काम करने की बेड़ियों को तोड़ता आजादी को बयां कर रहा है. 21वीं सदी में भले ही बेटा-बेटी में भेदभाव खत्म होनी की बात की जाती है, लेकिन हकीकत में आज भी कई जगह भेदभाव जारी है. वो वजहें क्या हैं, जिनकी वजह से ये चलन आज भी कई जगह बरकरार है, ये बता पाना तो काफी मुश्किल है, लेकिन इस भेदभाव को जड़ से खत्म करने के लिए प्रयास अब जारी हैं. इसी भेदभाव की कलाई मरोड़ता यह वीडियो बचपन से बच्चों को मिली अच्छी शिक्षा को बतला रहा है.
बच्चे जो देखते हैं, वही सीखते हैं. pic.twitter.com/OzZXqmWsQE
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) March 11, 2022
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो
सोशल मीडिया (Social Media) में यह वीडियो एक बार फिर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो (Video) को देखने के बाद शायद आप भी इससे वास्ता रखें. एक बार फिर वायरल हो रहा यह वीडियो इस बार सोशल मीडिया पर आईएएस अधिकारी (IAS Officer) अवनीश शरण (Awanish Sharan) ने शेयर किया है. इससे पहले यह वीडियो टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया था.
वीडियो में हज्जाम करती लड़कियां
वीडियो में बतलाया जा रहा है कि पिता का पेशा लड़कों को विरासत में मिलता है. इसी तरह लड़कियों को विरासत में गृहस्ती, रसोई और घर की जिम्मेदारियां मिलती हैं. वीडियो में आगे एक बच्चा अपने पिता के साथ हज्जाम की दुकान में दिखाई देता है. जहां लड़के का पिता दाढ़ी बनवाने के लिए बैठा होता है. उसी दौरान यहां दो लड़कियां आती हैं, जो पूछती हैं कि 'काका दाढ़ीं बना दूं'. इस पर बच्चा पिता से पूछता है कि 'बापू यह लड़की होकर उस्तरा चलाएगी', बेटे को जवाब देते हुए पिता कहता है कि 'बेटा उस्तरे को क्या पता उस्तरा चलाने वाला लड़की है या लड़का'. इसके बाद लड़की शेविंग करने लगती है.
पिता की बीमारी की वजह से दो बहनें बनीं हज्जाम
वैसे तो शेविंग पेशे में पुरूषों का वर्चस्व माना जाता है, लेकिन इस पेशे में बदलाव करतीं ये लड़कियां समाज को एक अलग आइना दिखा रही हैं. बताया जा रहा है कि पिता की बीमारी के चलते उत्तर प्रदेश की बनवारी टोला गांव की रहने वाली नेहा और ज्योति ने यह जिम्मेदारी लेने का फैसला किया. माना जाता है कि दो बहनों का ये सफर शुरूआत में आसान नहीं था, लेकिन कहते हैं ना अगर कुछ कर गुजरने की ठान लो तो हर चीज संभव है. समाज में महिलाओं से दाढ़ी बनवाने का चलन पहले नहीं था.
A First for me! You may not know this, but I have never gotten a shave from someone else before. That record has been shattered today. Such an honour to meet the #BarbershopGirls and present them the @GilletteIndia Scholarship.#ShavingStereotypes#DreamsDontDiscriminate pic.twitter.com/DNmA8iRYsb
— Sachin Tendulkar (@sachin_rt) May 3, 2019
बता दें कि जिलेट इंडिया के विज्ञापन में नेहा और ज्योति की प्रेरणादायी कहानी को उजागर किया गया, जिसे लोगों ने काफी सराहा. इसके बाद टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने समाज में मौजूद लिंग संबंधित रुढ़िवादिता को तोड़ने में अपना योगदान दिया और दोनों बहनों से दाढ़ी बनवाने का फैसला किया.
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