विज्ञापन
This Article is From Jan 23, 2016

सूखे से जूझते बुंदेलखंड में एक पिता ने अपनी बेटी को गिफ्त में दिया भूसा

सूखे से जूझते बुंदेलखंड में एक पिता ने अपनी बेटी को गिफ्त में दिया भूसा
महोबा जिले के सिलाट गांव के परीक्षित प्रजापति अपनी बेटी शगुन के भूसा ले जाते हुए (IANS फोटो)
महोबा: बुंदेलखंड में कम वर्षा के कारण सूखे के हालात बन गए हैं, इंसान को दाना और जानवर को चारे के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। संकट से जूझते लोग एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसा ही नजारा महोबा जिले के सूपा गांव में देखने को मिला, जहां एक पिता मकर संक्रांति के उपहार के तौर पर बैलगाड़ी में भूसा भरकर बेटी की ससुराल पहुंचा।

महोबा जिले के सिलाट गांव के परीक्षित प्रजापति की बेटी शगुन की शादी सूपा गांव में हुई है, सुमन के तीन बच्चे हैं। परिवार का रोजगार का जरिया खेती और पशुपालन है। मगर इस बार सूखे की मार ने खेतों को वीरान मैदान में बदल दिया है। पानी की कमी के चलते बीज के भी बेकार होने की आशंका थी, इसलिए बुवाई भी नहीं की। इसके चलते जानवरों के लिए भूसे का संकट खड़ा हो गया है।

शगुन के घर में भूसा न होने की खबर जब उसके पिता परीक्षित को हुई तो वे सिलाट से बैलगाड़ी में भूसा भरकर बेटी की घर जा पहुंचे। परीक्षित ने कहा कि वैसे तो मकर संक्रांति के मौके पर मिठाई और फल भेजने की परंपरा रही है, मगर इस बार वे बेटी की जरूरत को ध्यान में रखकर भूसा लेकर पहुंचे हैं। उनके दामाद और बेटी को भूसा खरीदना आसान नहीं है, यही कारण है कि वे अपने घर से भूसा लेकर यहां आए हैं।

परीक्षित का कहना है कि परिवार के बड़े सदस्यों का तो किसी तरह पेट भर जाएगा, मगर बच्चों के लिए तो दूध चाहिए ही, अगर जानवर को भूसा नहीं होगा तो बच्चों को दूध कैसे मिलेगा, इसी को ध्यान में रखकर वे बेटी की ससुराल पहुंचे हैं। परीक्षित जैसे ही भूसा से भरी बैलगाड़ी लेकर पहुंचे तो शगुन और उसके पति रमेश के चेहरे खिल उठे। उन्होंने आपस में मिलजुलकर बैलगाड़ी को खाली कराया। उन्हें पता है कि यही भूसा उसके जानवर को बचाएगा, उसके पास केवल एक भैंस और उसका बच्चा है। सूखे में जब पेट भरने के लिए अन्न नहीं होगा, तब किसान के परिवार का सहारा यही भैंस हेागी।

रमेश ने बताया कि उसके मवेशियों के खाने के लिए चारा और भूसा नहीं है। यही कारण है कि उसके ससुर भूसा लेकर आए हैं। इस बार उसने खेत में बोवनी तक नहीं की, यही कारण है कि उसे रोजगार का दूसरा रास्ता चुनना पड़ा है। उसने कर्ज लेकर ऑटो खरीदा है, उसी से परिवार का पेट भर रहा है।

बुंदेलखंड उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के 13 जिलों में फैला हुआ है। इस इलाके में बीते चार वर्षों से लगातार सूखा पड़ रहा है। एक तरफ दाने और चारे का संकट है तो दूसरी ओर जलस्रोत सूख चले हैं। इंसान से लेकर जानवर तक को आसानी से पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। यह स्थिति आने वाले गंभीर संकट की ओर इशारा कर रही है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com