यह ख़बर 27 मार्च, 2014 को प्रकाशित हुई थी

कौए में होती है सात साल के बच्चे जितनी समझ

ऑकलैंड:

आप को वह कहानी तो याद होगी जिसमें प्यासा कौआ कितनी समझदारी के साथ घड़े में कंकर डालकर पानी का स्तर ऊंचा उठा देता है और पानी निकाल लेता है। वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि कौवे में सात साल के बच्चे जितनी समझदारी होती है।

वैज्ञानिकों ने शाखाओं से खाना निकालने के लिए लकड़ी की पतली छड़ों का उपयोग करने जैसी गतिविधियों को उनकी समझदारी में शुमार किया है।

कौओं की समझदारी को चुनौती देने के लिए वैज्ञानिकों ने छह नए जंगली कैलेडोनियाई कौओं पर प्रयोग किया।

उनका कार्य उस कहानी पर आधारित था जिसमें कौवे ने घड़े के पानी का स्तर ऊपर लाने के लिए उसमें कंकड़-पत्थर डाले थे।

इस कार्य में कौओं को पानी में भारी चीजें डालकर उसमें तैरता हुआ खाद्य पदार्थ पाना था। उन्हें एक कम स्तर के पानी भरे बर्तन, पानी से पूरे भरे बर्तन और एक रेत भरे बर्तन में से किसी एक का चुनाव करना था।

यूनीवर्सिटी ऑफ ऑकलैंड, न्यूजीलैंड की सारा जेलबर्ट ने बताया, इस पक्षी की आयतन विस्थापन के प्रभाव की समझ, मनुष्य के पांच से सात साल तक के बच्चे की समझ से मेल खाती है।

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'प्लोस वन' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि ये परिणाम आश्चर्यजनक हैं क्योंकि इन्होंने कौओं की समझ की सीमा और ताकत दोनों पर प्रकाश डाला है।