कभी पूरी दुनिया में शिक्षा और ज्ञान के केंद्र के रूप में परचम लहराने वाला बिहार का नालंदा विश्वविद्यालय एक बार फिर इतिहास दोहराने जा रहा है। 800 साल बाद आज से इस विश्वविद्यालय में फिर क्लास शुरू होने जा रही है।
विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक आज से दो विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पहले सत्र में इतिहास और पर्यावरण विज्ञान की पढ़ाई शुरू की जाएगी और पूरी दुनिया से करीब 15 छात्रों का पहला बैच होगा।
यह दुनिया का पहला अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय है जिसे विदेश मंत्रालय द्वारा फंड दिया जा रहा है।
पांचवी सदी में एशिया के विभिन्न इलाकों के छात्र इस विश्वविद्यालय में पढ़ने के लिए आते थे, लेकिन बाद में हमलावरों ने इसे नष्ट कर दिया और अब 21वीं सदी में एक बार फिर इस प्राचीन विश्वविद्यालय की गरिमा बहाल होने वाली है।
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