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This Article is From Feb 01, 2022

अमेरिका में बिजली कड़कने का बना विश्व रिकॉर्ड, लंदन से हैम्बर्ग की दूरी तक चमकी बिजली

इस बार जो बिजली चमकी वो न्यूयॉर्क शहर (New York City) और कोलंबस, ओहियो या लंदन (London) और जर्मन (German) शहर हैम्बर्ग के बीच की दूरी के बराबर है.

अमेरिका में बिजली कड़कने का बना विश्व रिकॉर्ड, लंदन से हैम्बर्ग की दूरी तक चमकी बिजली
यूएस के मौसम विज्ञान संगठन(WMO) ने इस बारे में जानकारी दी है.
नई दिल्ली:

आाकाशीय बिजली यानी लाइटनिंग फ्लैश (Lightning Flash) को लेकर दुनिया में एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना है. अमेरिका में मंगलवार को बिजली चमकने का नया रिकॉर्ड बना. बिजली करीब 770 किलोमीटर (Kilometer) की दूरी तक चमकी. नतीजतन अब तक के सारे पुराने रिकॉर्ड टूट गए. यूएस के मौसम विभाग ने कहा कि इससे पहले 29 अप्रैल 2020 को मिसिसिपी, लुइसियाना और टेक्सास में बिजली 768 किलोमीटर या 477.2 मील दूर तक चमकी थी. उस वक्त भी नया रिकॉर्ड बना था.

इस बार जो बिजली चमकी वो न्यूयॉर्क शहर (New York City) और कोलंबस, ओहियो या लंदन और जर्मन शहर हैम्बर्ग के बीच की दूरी के बराबर है. यूएस के मौसम विज्ञान संगठन(WMO) ने इस बारे में जानकारी दी है. WMO के मौसम और जलवायु विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार सबसे अधिक देर तक बिजली चमकी थी. हालांकि, फिलहाल समय को लेकर पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है. आपको बता देंक कि 18 जून 2020 को उरुग्वे और उत्तरी अर्जेंटीना में चमकी बिजली 17.1 सेकेंड तक रिकॉर्ड की गई थी. 

इससे पहले 4 मार्च 2019 को उत्तरी अर्जेंटीना (Argentina) में चमकी बिजली (Lightning) से ये 0.37 सेकेंड अधिक समय था. WMO के मौसम और जलवायु विशेषज्ञ रान्डेल सर्वेनी ने बताया कि ये रिकॉर्ड सिंगल लाइटनिंग फ्लैश का है. आकाशीय बिजली की चमक की लंबाई और यह कितनी देर तक चमकती है, इस प्रक्रिया में पिछले कुछ सालों में तेजी से अप्रेगेडेशन हुए हैं. इससे पहले की तुलना में जल्द और सटीक रिकॉर्ड की मुहैया हो जाती है. 

आकाशीय बिजली (Lightning) का कड़कना और गिरना एक साइंटिफिक प्रोसेस (Scientific Process)है. बादल में मौजूद हल्के कण ऊपर चले जाते हैं और पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं. इसी दौरान भारी कण निगेटिव चार्ज हो जाते हैं. जब दोनों चार्ज (पॉजिटिव और निगेटिव) अधिक हो जाते हैं तब बिजली बनने लगती है. बिजली बनने के बाद वहीं खत्म हो जाती है. मगर कई बार यह धरती पर भी गिरती है. 

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अब तक आकाशीय बिजली के बारे में वैज्ञानिकों ने जो रिसर्च किया है उसके मुताबिक यह सूरज की सतह से भी अधिक गर्म होती है. बिजली चमकने और इसकी आवाज देर से सुनाई देने से पीछे वजह है इसकी स्पीड को बताया जाता है. असल में लाइट और साउंड की स्पीड में काफी असमानता होती है जिससे पहले हमें बिजली दिखती है और फिर आवाज सुनाई देती है
 

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