पटना:
बिहार के 'सुपर 30' संस्थान के 30 में से 28 छात्रों ने इस साल भी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के लिए कराई जाने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (आईआईटी-जेईई) पास की है। इसके निदेशक आनंद कुमार ने यह जानकारी दी।
विभिन्न आईआईटी के लिए कराए जाने वाले जेईई-एडवांस परीक्षा के परिणामों की शुक्रवार को हुई घोषणा के बाद आनंद ने कहा, "उन्हें कठिन मेहनत का फल मिला और 'सुपर 30' ने एक बार फिर यह साबित किया कि प्रतिभा को निखरने के लिए सिर्फ सही प्रोत्साहन और अवसर की आवश्यकता होती है।"
सफल हुए छात्रों में मजदूर, भूमिहीन किसान, कारीगर और पुजारी के बच्चे शामिल हैं। आनंद ने कहा, सभी ने कड़ी मेहनत और लगन की वजह से सुपर 30 के जरिए आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की है। पिछले साल 27 छात्रों ने यह सफलता हासिल की थी। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद करने वाले संस्थान 'सुपर 30' का नाम 'टाइम' पत्रिका के 'द बेस्ट ऑफ एशिया 2010' की सूची में आया था।
गरीब परिवार के छात्र 'सुपर 30' में प्रवेश के लिए परीक्षा देते हैं और तब उन्हें एक दिन में 16 घंटे पढ़ाया जाता है। इस कोचिंग में उन्हें खाने और रहने की सुविधा मुफ्त दी जाती है। पिछले साल अपने शिक्षण के तरीके पर व्याख्यान देने जापान गए आनंद ने कहा कि संस्थान को सहायता उनके 'रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स' से होने वाली आय से मिलती है। संस्था की शुरुआत के पहले साल 18 जबकि 2008, 2009 और 2010 में इसके सभी छात्रों ने आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की थी।
विभिन्न आईआईटी के लिए कराए जाने वाले जेईई-एडवांस परीक्षा के परिणामों की शुक्रवार को हुई घोषणा के बाद आनंद ने कहा, "उन्हें कठिन मेहनत का फल मिला और 'सुपर 30' ने एक बार फिर यह साबित किया कि प्रतिभा को निखरने के लिए सिर्फ सही प्रोत्साहन और अवसर की आवश्यकता होती है।"
सफल हुए छात्रों में मजदूर, भूमिहीन किसान, कारीगर और पुजारी के बच्चे शामिल हैं। आनंद ने कहा, सभी ने कड़ी मेहनत और लगन की वजह से सुपर 30 के जरिए आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की है। पिछले साल 27 छात्रों ने यह सफलता हासिल की थी। आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की मदद करने वाले संस्थान 'सुपर 30' का नाम 'टाइम' पत्रिका के 'द बेस्ट ऑफ एशिया 2010' की सूची में आया था।
गरीब परिवार के छात्र 'सुपर 30' में प्रवेश के लिए परीक्षा देते हैं और तब उन्हें एक दिन में 16 घंटे पढ़ाया जाता है। इस कोचिंग में उन्हें खाने और रहने की सुविधा मुफ्त दी जाती है। पिछले साल अपने शिक्षण के तरीके पर व्याख्यान देने जापान गए आनंद ने कहा कि संस्थान को सहायता उनके 'रामानुजन स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स' से होने वाली आय से मिलती है। संस्था की शुरुआत के पहले साल 18 जबकि 2008, 2009 और 2010 में इसके सभी छात्रों ने आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की थी।
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