जिनेवा:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मच्छर जनित वायरस 'जीका' के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी। इस वायरस से अमेरिकियों में जन्म संबंधी विकृति होने का संदेह है।
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जिनेवा में स्वतंत्र विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाकर पिछले साल ब्राजील में जीका के आने और असामान्य तौर पर छोटे सिर के साथ जन्मे बच्चों की संख्या में वृद्धि के बीच तार जुड़े होने के संदेह के बाद इसके प्रसार का आकलन किया गया।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक मारग्रेट चान ने कहा, 'साक्ष्यों की समीक्षा के बाद समिति ने राय दी कि माइक्रोसेफेली के समूह और अन्य तंत्रिका संबंधी जटिलताएं एक आपात स्थिति पैदा करती हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए लोगों की सेहत को खतरा पैदा होता है।' संगठन का आकलन है कि अगले साल अमेरिकियों में जीका के 40 लाख मामले हो सकते हैं, लेकिन यात्रा या व्यापार पर किसी तरह की पाबंदी की सिफारिश नहीं की गई है।
चान ने कहा, 'यह समझना महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाएं कई कदम उठा सकती हैं।'
संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जिनेवा में स्वतंत्र विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाकर पिछले साल ब्राजील में जीका के आने और असामान्य तौर पर छोटे सिर के साथ जन्मे बच्चों की संख्या में वृद्धि के बीच तार जुड़े होने के संदेह के बाद इसके प्रसार का आकलन किया गया।
डब्ल्यूएचओ महानिदेशक मारग्रेट चान ने कहा, 'साक्ष्यों की समीक्षा के बाद समिति ने राय दी कि माइक्रोसेफेली के समूह और अन्य तंत्रिका संबंधी जटिलताएं एक आपात स्थिति पैदा करती हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए लोगों की सेहत को खतरा पैदा होता है।' संगठन का आकलन है कि अगले साल अमेरिकियों में जीका के 40 लाख मामले हो सकते हैं, लेकिन यात्रा या व्यापार पर किसी तरह की पाबंदी की सिफारिश नहीं की गई है।
चान ने कहा, 'यह समझना महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाएं कई कदम उठा सकती हैं।'
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