अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कदम ना उठाए जाने पर नाराजगी जताते हुए अमेरिका ने उसे कड़ी फटकार लगाई है. अमेरिका ने साथ ही चेताया कि जरूरत पड़ी तो वह पाकिस्तान से संचालित आंतकी नेटर्वक को खत्म करने के लिए अकेले कार्रवाई से भी नहीं हिचकेगा.
वॉशिंगटन में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद के वित्तीय पोषण के खिलाफ गठित अमेरिकी ईकाई के कार्यकारी अवर सचिव ऐडम जुबिन ने कहा, 'समस्या यह है कि पाकिस्तान सरकार के अंदर मौजूद कुछ ताकतें, खास तौर पर आईएसआई, पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते और कुछ आतंकी संगठनों को शह देते हैं.'
जुबिन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'हम पाकिस्तान में अपने सहयोगियों से देश में चल रहे सभी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने की बराबर आग्रह करते हैं. हम उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार है. लेकिन यहां ऐसी कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि हम जहां आतंकियों के खिलाफ अभियान में मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो इन आतंकियों के खात्मे के लिए पाकिस्तान में अकेले कार्रवाई में भी नहीं हिचकेंगे.'
जुबिन ने हालांकि यह भी कहा कि आतंकरोधी अभियान में पाकिस्तान अमेरिका का महत्वपूर्ण साझीदार है. उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर पर पाकिस्तानी खुद भी स्कूलों, बाजारों और मस्जिदों में हुए खूंखार आतंकी हमलों से पीड़ित हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण हमले अब भी जारी हैं. इस तरह के हिंसक हमलों के चलते पाकिस्तान को पीछे रहना पड़ा है.'
गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार यह दावे करता रहा है कि उसकी धरती पर सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ उसने कड़ी कार्रवाई की है. लेकिन अमेरिका की इस फटकार से उसके दावों की पोल खुलती है.
वॉशिंगटन में शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान आतंकवाद के वित्तीय पोषण के खिलाफ गठित अमेरिकी ईकाई के कार्यकारी अवर सचिव ऐडम जुबिन ने कहा, 'समस्या यह है कि पाकिस्तान सरकार के अंदर मौजूद कुछ ताकतें, खास तौर पर आईएसआई, पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते और कुछ आतंकी संगठनों को शह देते हैं.'
जुबिन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा, 'हम पाकिस्तान में अपने सहयोगियों से देश में चल रहे सभी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने की बराबर आग्रह करते हैं. हम उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार है. लेकिन यहां ऐसी कोई शंका नहीं होनी चाहिए कि हम जहां आतंकियों के खिलाफ अभियान में मदद के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन जरूरत पड़ी तो इन आतंकियों के खात्मे के लिए पाकिस्तान में अकेले कार्रवाई में भी नहीं हिचकेंगे.'
जुबिन ने हालांकि यह भी कहा कि आतंकरोधी अभियान में पाकिस्तान अमेरिका का महत्वपूर्ण साझीदार है. उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर पर पाकिस्तानी खुद भी स्कूलों, बाजारों और मस्जिदों में हुए खूंखार आतंकी हमलों से पीड़ित हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण हमले अब भी जारी हैं. इस तरह के हिंसक हमलों के चलते पाकिस्तान को पीछे रहना पड़ा है.'
गौरतलब है कि पाकिस्तान लगातार यह दावे करता रहा है कि उसकी धरती पर सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ उसने कड़ी कार्रवाई की है. लेकिन अमेरिका की इस फटकार से उसके दावों की पोल खुलती है.
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