इस्लामाबाद:
चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने बुधवार को कहा कि उनका देश, पाकिस्तान के साथ रिश्ते का विकास करेगा और उसे मजबूत बनाएगा। उन्होंने कहा कि इसमें अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्थितियों में बदलाव आड़े नहीं आएगा। ली बुधवार को सरकारी यात्रा पर पाकिस्तान पहुंचे हैं।
ली ने कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान अपने साथ चीन की जनता की पाकिस्तान की जनता के साथ दोस्ती की अभिलाषा लेकर आए हैं।
अपने आगमन पर जारी एक लिखित संदेश में ली ने कहा है कि दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश, पाकिस्तान की क्षेत्र और विश्व में शांति व स्थायित्व में महत्वपूर्ण भूमिका है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ली के हवाले से कहा है, "चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक साझेदार हैं।"
मार्च में प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर निकले ली का पाकिस्तान दूसरा पड़ाव है। इससे पहले तीन दिनों तक वह भारत में रहे। भारत यात्रा के समापन बाद बुधवार सुबह वह मुंबई से पाकिस्तान रवाना हुए।
ली ने कहा है कि 62 वर्ष पहले कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद चीन और पाकिस्तान ने एक दूसरे को बराबरी का दर्जा दिया है और राजनीतिक मामलों में आपसी विश्वास बनाए रखा है। आर्थिक क्षेत्र में सभी सकारात्मक परिणाम सहित दोनों देशों ने परस्पर लाभ उठाया है। दोनों देशों ने अपने-अपने महत्वपूर्ण हितों से संबंधित मुद्दों पर आपसी समझदारी और आपसी सहयोग दर्शाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है, "पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ता विकसित करने की चीन सरकार की ठोस नीति रही है। चीनी पक्ष अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय बदलावों की परवाह नहीं करते हुए चीन-पाकिस्तान संबंध को विकसित करने और उसे मजबूत बनाने पर जोर देता रहेगा।"
ली ने आगे कहा है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और देश में स्थायित्व और विकास के पाकिस्तान के प्रयासों का चीन हमेशा समर्थन करता रहेगा।
इससे पहले जैसे ही ली के विमान ने पाकिस्तानी हवाई सीमा में प्रवेश किया, वैसे ही पाकिस्तानी वायुसेना के छह लड़ाकू विमानों ने उसे सुरक्षा घेरे में ले लिया।
चीनी प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और कार्यवाहक प्रधानमंत्री मीर हजार खान खोसो ने जोरदार स्वागत किया।
ली ने कहा कि वह अपनी यात्रा के दौरान अपने साथ चीन की जनता की पाकिस्तान की जनता के साथ दोस्ती की अभिलाषा लेकर आए हैं।
अपने आगमन पर जारी एक लिखित संदेश में ली ने कहा है कि दक्षिण एशिया के महत्वपूर्ण देश, पाकिस्तान की क्षेत्र और विश्व में शांति व स्थायित्व में महत्वपूर्ण भूमिका है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने ली के हवाले से कहा है, "चीन और पाकिस्तान सदाबहार रणनीतिक साझेदार हैं।"
मार्च में प्रधानमंत्री पद पर काबिज होने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर निकले ली का पाकिस्तान दूसरा पड़ाव है। इससे पहले तीन दिनों तक वह भारत में रहे। भारत यात्रा के समापन बाद बुधवार सुबह वह मुंबई से पाकिस्तान रवाना हुए।
ली ने कहा है कि 62 वर्ष पहले कूटनीतिक संबंध स्थापित होने के बाद चीन और पाकिस्तान ने एक दूसरे को बराबरी का दर्जा दिया है और राजनीतिक मामलों में आपसी विश्वास बनाए रखा है। आर्थिक क्षेत्र में सभी सकारात्मक परिणाम सहित दोनों देशों ने परस्पर लाभ उठाया है। दोनों देशों ने अपने-अपने महत्वपूर्ण हितों से संबंधित मुद्दों पर आपसी समझदारी और आपसी सहयोग दर्शाया है।
प्रधानमंत्री ने कहा है, "पाकिस्तान के साथ दोस्ताना रिश्ता विकसित करने की चीन सरकार की ठोस नीति रही है। चीनी पक्ष अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय बदलावों की परवाह नहीं करते हुए चीन-पाकिस्तान संबंध को विकसित करने और उसे मजबूत बनाने पर जोर देता रहेगा।"
ली ने आगे कहा है कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने और देश में स्थायित्व और विकास के पाकिस्तान के प्रयासों का चीन हमेशा समर्थन करता रहेगा।
इससे पहले जैसे ही ली के विमान ने पाकिस्तानी हवाई सीमा में प्रवेश किया, वैसे ही पाकिस्तानी वायुसेना के छह लड़ाकू विमानों ने उसे सुरक्षा घेरे में ले लिया।
चीनी प्रधानमंत्री का हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और कार्यवाहक प्रधानमंत्री मीर हजार खान खोसो ने जोरदार स्वागत किया।
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