दमिश्क:
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने फ्रांस के साथ सहयोग से इनकार किया है और कहा है कि सीरिया उसके साथ तभी खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करेगा, जब पेरिस सीरिया के प्रति अपनी नीति में बदलाव करे। समाचार एंजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, एक फ्रेंच पत्रिका को दिए साक्षात्कार में असद ने कहा, "हम फ्रांस से खुफिया जानकारी साझा करने को तैयार हैं, बशर्ते पेरिस सीरिया के प्रति अपनी नीति में बदलाव करे। हमने बार-बार आतंकवाद के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने की जरूरत पर जोर दिया है।"
असद ने कहा, "अगर फ्रांस सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर नहीं है तो हम एक ऐसे देश, सरकार या संस्था के साथ सहयोग करने में समय बरबाद नहीं करेंगे, जो आतंकवाद की समर्थक है।"
असद ने कहा कि सीरियाई क्या चाहते हैं, यह विदेशी दबाव से नहीं, चुनावों के जरिए ही तय किया जा सकता है।
असद ने कहा, "पद से मेरा इस्तीफा केवल सीरिया के नागरिकों और संसद की इच्छा पर निर्भर करता है। जो सीरिया को बरबाद करना चाहते हैं, उनमें से अधिकांश इस क्षेत्र के अंतिम धर्मनिरपेक्ष राज्य को तबाह करना चाहते हैं।"
असद का यह साक्षात्कार 13 नवम्बर को पेरिस हमलों के बाद आया है, जिसमें कम से कम 129 लोगों की मौत हो गई और 350 से अधिक जख्मी हो गए हैं।
असद ने इस आतंकवादी हमले पर अपने पहले बयान में शनिवार को इस कृत्य की निंदा की और कहा कि फ्रांस उसी तरह के आतंकवाद से जूझ रहा है, जिस तरह के आतंकवाद से सीरिया जूझता रहा है।
दौरे पर आए फ्रांसीसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान असद ने कहा, "अरब क्षेत्र में फ्रांस सहित पश्चिम की गलत नीतियों ने आतंकवाद के विस्तार को बढ़ावा दिया है।"
सीरिया सरकार लंबे समय से पश्चिम को असद के शासन के खिलाफ विद्रोह के समर्थन का दोषी बताती रही है और इन गतिविधियों को आतंकवाद का समर्थन करार देती रही है।
असद ने ऐसी नई नीतियां अपनाने के महत्व पर बल दिया, जो आतंकवादी संगठनों के संसाधानों को समाप्त करके और उनकी रसद और राजनीतिक समर्थन रोककर उन्हें मिलने वाले सहयोग पर अंकुश लगाने में प्रभावशाली सिद्ध हों, ताकि वे समूल नष्ट हो सकें।
असद ने कहा, "अगर फ्रांस सरकार आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर नहीं है तो हम एक ऐसे देश, सरकार या संस्था के साथ सहयोग करने में समय बरबाद नहीं करेंगे, जो आतंकवाद की समर्थक है।"
असद ने कहा कि सीरियाई क्या चाहते हैं, यह विदेशी दबाव से नहीं, चुनावों के जरिए ही तय किया जा सकता है।
असद ने कहा, "पद से मेरा इस्तीफा केवल सीरिया के नागरिकों और संसद की इच्छा पर निर्भर करता है। जो सीरिया को बरबाद करना चाहते हैं, उनमें से अधिकांश इस क्षेत्र के अंतिम धर्मनिरपेक्ष राज्य को तबाह करना चाहते हैं।"
असद का यह साक्षात्कार 13 नवम्बर को पेरिस हमलों के बाद आया है, जिसमें कम से कम 129 लोगों की मौत हो गई और 350 से अधिक जख्मी हो गए हैं।
असद ने इस आतंकवादी हमले पर अपने पहले बयान में शनिवार को इस कृत्य की निंदा की और कहा कि फ्रांस उसी तरह के आतंकवाद से जूझ रहा है, जिस तरह के आतंकवाद से सीरिया जूझता रहा है।
दौरे पर आए फ्रांसीसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान असद ने कहा, "अरब क्षेत्र में फ्रांस सहित पश्चिम की गलत नीतियों ने आतंकवाद के विस्तार को बढ़ावा दिया है।"
सीरिया सरकार लंबे समय से पश्चिम को असद के शासन के खिलाफ विद्रोह के समर्थन का दोषी बताती रही है और इन गतिविधियों को आतंकवाद का समर्थन करार देती रही है।
असद ने ऐसी नई नीतियां अपनाने के महत्व पर बल दिया, जो आतंकवादी संगठनों के संसाधानों को समाप्त करके और उनकी रसद और राजनीतिक समर्थन रोककर उन्हें मिलने वाले सहयोग पर अंकुश लगाने में प्रभावशाली सिद्ध हों, ताकि वे समूल नष्ट हो सकें।
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