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This Article is From Jun 21, 2015

योग को मिलेगी विश्व स्वास्थ्य संगठन की मान्यता

योग को मिलेगी विश्व स्वास्थ्य संगठन की मान्यता
संयुक्त राष्ट्र के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO) भी अब योग के प्रचार-प्रसार में शामिल होने जा रहा है। सार्वजनिक क्षेत्र में बेहतर स्वास्थ्य के लिए काम करने वाला ये अंतरराष्ट्रीय संगठन अब योग के ज़रिए लोगों को बेहतर जीवन देने की कोशिश करेगा।

इसका सीधा मतलब यह हुआ कि योग का इस्तेमाल न सिर्फ़ भारत के विभिन्न पब्लिक हेल्थ प्रोग्राम में किया जाएगा बल्कि दुनिया के अन्य देशों में भी ये विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रायोजित स्वास्थ्य कार्यक्रमों का हिस्सा होगा।

विश्व स्वास्थ्य संगठन कई भारतीय सेंटर्स के साथ मिलकर योग को नियमित करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे वो मेडिकल प्रैक्टिश्नर्स के पाठ्यक्रम में भी शामिल हो सके।  

भारत का विश्व को वैदिक भेंट

'संयुक्त राष्ट्र स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन के दफ्त़र में एक्ज़्यूकिटिव डायरेक्टर नाता मेनाब्डे के अनुसार, ‘योग का इस्तेमाल कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में किया जाता है और हमारे शरीर के संपूर्ण विकास में इसकी अहम भूमिका है। योग के ज़रिए शरीर में कई प्रकार की स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से लड़ने की क्षमता तैयार होती है।'

मेनाब्दे के अनुसार, ‘भारत द्वारा पूरे विश्व को दिए गए इस वैदिक भेंट पर रिसर्च किया जाना चाहिए और उसे वैज्ञानिक प्रमाणों द्वारा साबित किए जाने बाद यूनिवर्सल हेल्थ-केयर में शामिल किया जाना चाहिए, योग भारतीय सभ्यता का मूल मंत्र है।’

विश्व स्वास्थ्य संगठन  भारतीय शोधार्थियों के साथ मिलकर वैज्ञानिक तौर पर यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि योग के ज़रिए आर्थराईटिस, डायबिटीज़, दिल की बीमारी, तनाव और दिमागी असंतुलन जैसी बीमारियों पर कैसा प्रभाव पड़ सकता है।   

यूएन में भी योगदिवस

संयुक्त राष्ट्र ने पिछले साल दिसंबर महीने में 21 जून को योग को 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' के रुप में मान्यता दी थी, जिसके बाद रविवार को आयोजित पहले अंतरराष्ट्रीय दिवस के मौके के दौरान दिल्ली में राजपथ पर एक भव्य समारोह में योग दिवस का आयोजन किया गया, ऐसे आयोजन दुनिया के अन्य 192 देशों में भी किए गए।                                  

संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान-की-मून, जनरल एसेंबली के अध्यक्ष सैम कुटेसा और यूए कांग्रेस की सदस्य तुलसी गबार्ड और श्री श्री रविशंकर की अगुवाई में दुनिया के अन्य राजनीतिज्ञों के साथ योग समारोह में हिस्सा लेंगी।   

दक्षिण-पूर्व-एशिया के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह के अनुसार, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन लंबे समय से हार्ट डिज़ीज़, डायबिटीज़ और रेसपिरेटरी डिज़ीज़ जैसी असंक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए शारीरिक कसरत की उपयोगिता पर ज़ोर देता रहा है।

ऐसे में योग मौजूदा समय में न सिर्फ़ हमें शारीरिक बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है बल्कि कई बार वो तनाव झेलने में भी हमारा मददगार साबित होता है।   

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