हेलिकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया है. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर पूर्वी अजरबैजान के पश्चिमी प्रांत के जोफा क्षेत्र के पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. 63 वर्षीय ईरानी राष्ट्रपति इस प्रांत के दौरे पर थे और इस दौरान इनका हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया. इस हादसे में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत हेलिकॉप्टर में सवार अन्य लोगों की भी मौत हो गई है. दुर्घटना में हेलिकॉप्टर पूरी तरह जल गया. इब्राहिम रईसी के साथ कई तरह के विवाद जुड़े हुए थे और अमेरिका के साथ इनके संबंध भी अच्छे नहीं थे. आखिर कौन थे इब्राहिम रईसी आइए जानते हैं.
कौन थे इब्राहिम रईसी
इब्राहिम रईसी ने सबसे पहले साल 2017 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा था. लेकिन मौजूदा उदारवादी राष्ट्रपति हसन रूहानी से ये चुनाव हार गए थे. हालांकि साल 2021 में इब्राहिम रईसी ने राष्ट्रपति का चुनाव जीता और ईरान के आठवें राष्ट्रपति बने. कहा जाता है कि रईसी के विरोधियों को ईरान की जांच एजेंसी ने चुनाव लड़ने से ही रोक दिया था. उन्हें 2.89 करोड़ मतों में से लगभग 62 प्रतिशत वोट मिले थे जो इस्लामिक गणराज्य के इतिहास में प्रतिशत के हिसाब से सबसे कम मतदान था.
63 वर्षीय रईसी ने ईरान की न्यायिक प्रणाली में कई पदों पर कार्य किया था. उन्होंने उप मुख्य न्यायाधीश (2004-2014), अटॉर्नी जनरल (2014-2016), और मुख्य न्यायाधीश (2019-2021) के तौर अपनी सेवाएं दी थी. ये ईरान के सुप्रीम लिडर और शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली खामनेई के विश्वासपात्र माने जाते थे.
5000 विरोधियों को फांसी
रईसी 1988 में ईरान की खुफिया ट्रिब्यूनल्स के सदस्य बन गए थे, जिनको ‘डेथ कमेटी' कहा जाता था. उस दौरान उन्होंने पांच हजार नेताओं को देशद्रोही साबित करवाया था. इन सभी को फांसी की सजा सुनाई गई थी. अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों का अनुमान है कि कम से कम 5,000 लोगों को फांसी दी गई थी. राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में जब रईसी से 1988 की सामूहिक फांसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. सामूहिक रूप से फांसी पाने वालों में राजनीतिक बंदी, उग्रवादी और अन्य लोग शामिल थे. फांसी की घटना के बाद अमेरिका और अन्य देशों ने रईसी पर बैन भी लगा दिया था.
इब्राहिम रईसी ईरान की छवि हमेशा से कट्टरपंथी रही है. साल 2022 में हिजाब पहनने का विरोध करने के बाद महसा अमीनी की मौत और उसके बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बाद भी वे अपने सिद्धांतो पर डटे रहे. महीनों तक चली सुरक्षा कार्रवाई में 500 से अधिक लोग मारे गए और 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया.
इजराइल पर करवाया था ड्रोन हमला
रईसी और सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरान ने पिछले महीने इजराइल पर ड्रोन और मिसाइल हमले किए थे. यह हमला सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर में संदिग्ध इजराइली हमले में ईरान के जनरलों के मारे जाने के बाद किया गया था. इजराइल पर 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइल दागीं गई थीं.
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