क्या है इजराइल-फिलिस्तीन विवाद? रमाल्लाह से देखिए NDTV की ये ग्राउंड रिपोर्ट

फिलिस्तीन का रमाल्लाह शांत सा शहर लगता है. यह कॉस्मोपॉलिटन होने की वजह से गाजा से कुछ अलग है. रमाल्लाह को कुछ साल पहले दीवार बनाकर गाजा से अलग किया गया था. इजरायली सरकार ने सुरक्षा कारणों से ऐसा किया था.

रमाल्लाह:

इजराइल और फिलिस्तीन दो ऐसे देश हैं, जिनका विवाद काफी लंबे समय से चला आ रहा है. दोनों देशों के बीच शांति स्थापित करने के लिए कई बार समझौते हुए, लेकिन निष्कर्ष कुछ खास नहीं निकला. रमजान के मौके पर तो दोनों देशों के बीच मतभेद और भी सामने आ जाते हैं. इजराइल-फिलिस्तीन विवाद पर रमाल्लाह से देखिए NDTV की ग्राउंड रिपोर्ट.

फिलिस्तीन का रमाल्लाह शांत सा शहर लगता है. यह कॉस्मोपॉलिटन होने की वजह से गाजा से कुछ अलग है. रमाल्लाह को कुछ साल पहले दीवार बनाकर गाजा से अलग किया गया था. इजरायली सरकार ने सुरक्षा कारणों से ऐसा किया था. इस दीवार को लेकर दोनों पक्षों के बीच फिर से तनाव बढ़ा हुआ है, लेकिन अभी भी इजराइल और फिलिस्तीन की हाई टेक कंपनी के लोग मिलकर काम कर रहे हैं.

इजराइल-फिलिस्तीन के बीच मतभेद भले ही हो, लेकिन रमजान के महीने में रमाल्लाह में अमन का माहौल है. रमाल्लाह को लेकर धारणा रही है कि यह एक संघर्ष का पॉइंट है. लेकिन देखने पर यह किसी आम मोहल्ले जैसा ही दिखेगा. रमाल्लाह और गाजा दोनों की खासियतें भी अलग-अलग हैं.

बात करें अगर रमाल्लाह और गाजा के बीच दीवार की, तो इसे सुरक्षा कारणों से बनाया गया था. बमबारी और खून-खराबे की घटनाओं को नियंत्रित करने के इरादे से ऐसा किया गया था. ये दीवार इतनी मजबूत है कि दुश्मन भी इसे भेद नहीं सकता. इजराइल का दावा है कि इस दीवार के बनने के बाद से आतंकवादी वारदातों में कमी आई है. इजराइल को ये दीवार पांच दुश्मन देशों मिस्र, जॉर्डन, सीरिया, लेबनान और फलस्तीन से सुरक्षित करती है.

इजराइल में 1994 में फेंसिंग का काम शुरू हुआ था. इसके लिए एक अरब डॉलर का बजट था, लेकिन दोगुना से ज्यादा पैसा खर्च हुआ. एक किमी पर 20 लाख डॉलर का खर्च आया. इससे आतंकी हमले 90% तक कम हो गए. इसके अलावा आर्मी पर होने वाला खर्च में भी बचत हुई. वहीं, गाजा पट्‌टी पर कंक्रीट की दीवार और फेंसिंग है. दीवार को जमीन से 8 फीट नीचे से बनाया गया है. दीवार की सुरक्षा के लिए इसे अत्याधुनिक सेंसरों, तकनीक और सीसीटीवी से भी जोड़ा गया है. इसके नीचे से सुरंग बनाना भी बहुत मुश्किल काम है.

इजराइल-फिलिस्तीन के बीच विवाद काफी पुराना है. जिसकी शुरुआत 1948 से मानी जाती है. तब से ही दोनों पक्ष समय समय पर लड़ते रहते हैं. ऐसा नहीं है कि दोनों पक्षों के बीच शांति की कोशिश नहीं हुई है, लेकिन 2014 के बाद से दोनों देशों के बीच शांति वार्ता भी रुकी हुई है.

इजराइल में इस वक्त बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार है, जो अब तक की सबसे दक्षिणपंथी सरकार मानी जा रही है. मौजूदा वक्त में एक बार फिर इजराइल-फिलिस्तीन के बीच तनाव बढ़ गया है. लोगों के बीच झड़प के बाद हिंसा की कई घटनाएं हो रही हैं.

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