तशफीन मलिक, पुलिस मुठभेड़ में मारी गई (तस्वीर : AFP)
करोर लाल इसान:
कैलिफोर्निया गोलीबारी को अंजाम देने वाली पाकिस्तानी महिला के रिश्तेदारों ने उसके इस जनघ्य अपराध पर शर्मिंदगी जताई है, वहीं उसके पूर्व सहपाठी और अध्यापकों ने बताया कि वह एक शांत और धार्मिक रूप से रूढ़िवादी लड़की थी। 29 साल की तशफीन मलिक और उनके पति सैयद फारूख़ ने पिछले हफ्ते कैलिफोर्निया के एक परिवार नियोजन केंद्र पर गोली मारकर 14 लोगों की हत्या कर दी थी। इस हमले की प्रशंसा करते हुए इस्लामिक स्टेट संगठन ने इस जोड़ी को अपना जवान करार दिया था।
महिला के रिश्तेदार और पूर्व मंत्री मलिक अहमद अली औलाख़ ने बताया कि तशफीन का जन्म पाकिस्तान के पंजाब के एक गांव में हुआ था और 1989 के करीब वह सऊदी अरब चली गईं थीं। साथ ही तशफीन के पिता गुलज़ार मलिक जो कि एक इंजीनियर थे, उन्होंने अपने परिवार से दूरियां बनाकर रखी थीं और वह अपने करीबी रिश्तेदारों की शादियों में भी नहीं आते थे। औलाख़ ने कहा कि 'हम अपनी भतीजी की इस हरकत से शर्मिंदा हैं और हम दहल गए हैं, वह ऐसा वीभत्स काम कैसे कर सकती है।
तशफीन के पिता सूफी गायक
बता दें कि तशफीन, पंजाब के जिस दक्षिणी क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं, वह काफी समय से सूफी संस्कृति का केंद्र रहा है। इस परिवार के एक पड़ोसी मोहम्मद जमील बताते हैं कि तशफीन के पिता भी एक सूफी गायक रह चुके हैं। हालांकि इस्लाम को मानने वाले कई लोग सूफी परंपरा को सही नहीं मानते और जमील की मानें तो हम नहीं चाहते की मुसलमान इस तरह का काम करें। ऐसे लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए। उसने पाकिस्तान को बदनाम किया है।
यह अभी तक साफ नहीं हो पाया कि तशफीन का कट्टरपंथ की तरफ रुझान कहां और कब हुआ लेकिन उनके एक पूर्व शिक्षक की मानें तो 2007 में जब वह फार्मेसी की पढ़ाई के लिए पाकिस्तान लौटीं तब वह पूरी तरह धार्मिक हो चुकी थी और बुर्क़ा पहनने लगी थीं। तशफीन को पढ़ाने वाले प्रोफेसर डॉ खालिद हुसैन जनबाज़ काफी ज़ोर देकर कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि उसने ऐसा कुछ किया है। वह एक बहुत अच्छी छात्रा थी जिसने कभी भी स्टाफ या अपने साथियों को परेशान नहीं किया।
रविवार को पाकिस्तान की सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कैलिफोर्निया हमले की निंदा की, साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद को इस हमले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी भी व्यक्ति विशेष द्वारा किए गए अपराध के लिए किसी देश या धर्म को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। हम अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर एक विवेकपूर्ण रवैये की सराहना करते हैं।
महिला के रिश्तेदार और पूर्व मंत्री मलिक अहमद अली औलाख़ ने बताया कि तशफीन का जन्म पाकिस्तान के पंजाब के एक गांव में हुआ था और 1989 के करीब वह सऊदी अरब चली गईं थीं। साथ ही तशफीन के पिता गुलज़ार मलिक जो कि एक इंजीनियर थे, उन्होंने अपने परिवार से दूरियां बनाकर रखी थीं और वह अपने करीबी रिश्तेदारों की शादियों में भी नहीं आते थे। औलाख़ ने कहा कि 'हम अपनी भतीजी की इस हरकत से शर्मिंदा हैं और हम दहल गए हैं, वह ऐसा वीभत्स काम कैसे कर सकती है।
तशफीन के पिता सूफी गायक
बता दें कि तशफीन, पंजाब के जिस दक्षिणी क्षेत्र से ताल्लुक रखती हैं, वह काफी समय से सूफी संस्कृति का केंद्र रहा है। इस परिवार के एक पड़ोसी मोहम्मद जमील बताते हैं कि तशफीन के पिता भी एक सूफी गायक रह चुके हैं। हालांकि इस्लाम को मानने वाले कई लोग सूफी परंपरा को सही नहीं मानते और जमील की मानें तो हम नहीं चाहते की मुसलमान इस तरह का काम करें। ऐसे लोगों को सज़ा मिलनी चाहिए। उसने पाकिस्तान को बदनाम किया है।
यह अभी तक साफ नहीं हो पाया कि तशफीन का कट्टरपंथ की तरफ रुझान कहां और कब हुआ लेकिन उनके एक पूर्व शिक्षक की मानें तो 2007 में जब वह फार्मेसी की पढ़ाई के लिए पाकिस्तान लौटीं तब वह पूरी तरह धार्मिक हो चुकी थी और बुर्क़ा पहनने लगी थीं। तशफीन को पढ़ाने वाले प्रोफेसर डॉ खालिद हुसैन जनबाज़ काफी ज़ोर देकर कहते हैं कि उन्हें नहीं लगता कि उसने ऐसा कुछ किया है। वह एक बहुत अच्छी छात्रा थी जिसने कभी भी स्टाफ या अपने साथियों को परेशान नहीं किया।
रविवार को पाकिस्तान की सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कैलिफोर्निया हमले की निंदा की, साथ ही गृह मंत्री ने कहा कि इस्लामाबाद को इस हमले के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। मंत्री चौधरी निसार अली ख़ान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि किसी भी व्यक्ति विशेष द्वारा किए गए अपराध के लिए किसी देश या धर्म को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। हम अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर एक विवेकपूर्ण रवैये की सराहना करते हैं।
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