संयुक्त राष्ट्र:
भारत ने सशस्त्र संघर्ष में असैन्य नागरिकों के खिलाफ हिंसा के बर्बर प्रयोग की निंदा करते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षा अभियानों में सैन्य योगदान देने वाले देशों के साथ विचार-विमर्श करने से सुरक्षा परिषद की विश्वसनीयता और प्रभावशीलता बढ़ेगी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ‘सशस्त्र संघर्ष में आम नागरिकों की सुरक्षा’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस को संबोधित करते हुए कहा, भारत आम नागरिकों पर हिंसा के बर्बर प्रयोग की निंदा करता है, फिर भले ही यह कृत्य किसी ने भी किया हो।
उन्होंने कहा कि यह परेशानी नई नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि साम्राज्य संबंधी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए युद्ध में सैन्य अभियानों के दौरान आम नागरिकों के जीवन का सम्मान नहीं किया जाता। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की शांतिरक्षा स्थितियों में आम नागरिकों के समक्ष खतरे की प्रकृति में हालिया कुछ वर्षों में काफी बदलाव आया है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने ‘सशस्त्र संघर्ष में आम नागरिकों की सुरक्षा’ पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस को संबोधित करते हुए कहा, भारत आम नागरिकों पर हिंसा के बर्बर प्रयोग की निंदा करता है, फिर भले ही यह कृत्य किसी ने भी किया हो।
उन्होंने कहा कि यह परेशानी नई नहीं है। इतिहास इस बात का गवाह रहा है कि साम्राज्य संबंधी महत्वकांक्षाओं को पूरा करने के लिए युद्ध में सैन्य अभियानों के दौरान आम नागरिकों के जीवन का सम्मान नहीं किया जाता। हालांकि संयुक्त राष्ट्र की शांतिरक्षा स्थितियों में आम नागरिकों के समक्ष खतरे की प्रकृति में हालिया कुछ वर्षों में काफी बदलाव आया है।