विज्ञापन

वॉरेफ बफेट की कहानी: आज रिटायर हो रहा दुनिया को शेयर मार्केट सिखाने वाला दिलदार गुरु

Warren Buffett Retiring After 60 Years: वॉरेन बफेट ने 11 साल की उम्र में अपना पहला स्टॉक खरीदा था केवल 13 साल की उम्र में अपना पहला टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया था. आज उनके रिटायरमेंट पर उनकी इंस्पायर करने वाली कहानी पढ़िए.

वॉरेफ बफेट की कहानी: आज रिटायर हो रहा दुनिया को शेयर मार्केट सिखाने वाला दिलदार गुरु
Warren Buffett: 60 साल के कार्यकाल के बाद वॉरेन बफेट हो रहे रिटायर
  • वॉरेन बफेट 31 दिसंबर को बर्कशायर हैथवे के CEO पद से रिटायर हो रहे हैं. वो कंपनी के चेयरमैन बने रहेंगे
  • बफेट ने 1962 में बर्कशायर हैथवे के शेयर खरीदे थे और इसे एक विविध होल्डिंग कंपनी में विकसित किया
  • बफेट ने अपनी कुल संपत्ति का 99 प्रतिशत दान करने का वादा किया है और अब तक कई अरब डॉलर दान कर चुके हैं
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर कहे जाने वाले वॉरेन बफेट आज यानी 31 दिसंबर को बर्कशायर हैथवे के CEO के रूप में रिटायर हो रहे हैं. दुनिया भर में "ओरेकल ऑफ ओमाहा" के नाम से मशहूर वॉरेन कंपनी के चेयरमैन बने रहेंगे. अब CEO पद की जिम्मेदारी ग्रेग एबेल संभालेंगे. ग्रेग 1 जनवरी को औपचारिक रूप से बर्कशायर हैथवे के CEO के पद पर बैठेंगे. वॉरेन बफेट ने 95 साल की उम्र में आकर जिंदगी के नए फेज में जाने का फैसला किया है. लेकिन वो अपने पीछे वैश्विक निवेश के 60 साल के असाधारण कार्यकाल को एक मिशाल, एक नायाब उदाहरण के तौर पर छोड़कर जा रहे हैं.

फोर्ब्स की दुनिया के सबसे अमीर शख्सों की लिस्ट में अभी वॉरेन बफेट 149 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ नौवें नंबर पर हैं.

कहानी वॉरेन बफेट की

1930 में अमेरिका के नेब्रास्का राज्य के ओमाहा में जन्मे बफेट अमेरिकी कांग्रेसी हॉवर्ड बफेट के बेटे हैं. उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला स्टॉक खरीदा था केवल 13 साल की उम्र में अपना पहला टैक्स रिटर्न फाइल कर दिया था. एक स्कूली छात्र के रूप में, उन्होंने न्यूजपेपर, च्यूइंग गम और कोका-कोला बेचा. किशोरावस्था तक वे छोटे बिजनेस से लगातार कमाई भी कर रहे थे.

उन्हें हार्वर्ड बिजनेस स्कूल ने एडमिशन नहीं दिया तो बफेट ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इकनॉमिक्स में मास्टर डिग्री हासिल की. यहां उन्होंने वैल्यू इनवेस्टमेंट के जनक (फादर) कहे जाने वाले बेंजामिन ग्राहम के अंदर पढ़ाई की. बफेट ने 1962 में बर्कशायर हैथवे के शेयर लगभग 7.60 डॉलर प्रति शेयर पर खरीदना शुरू किया. उस समय बर्कशायर हैथवे एक जूझती हुई कंपनी थी और उसका नाम न्यू इंग्लैंड टेक्स्टाइल कंपनी था. समय के साथ, उन्होंने अधिग्रहण (एक्विजेशन) और इंवेस्टमेंट के लिए, विशेष रूप से कंपनी के बीमा व्यवसायों से मिले नकदी प्रवाह (कैश फ्लो) का उपयोग किया. इस तरह उन्होंने कंपनी को एक विविध होल्डिंग फर्म में बदल दिया.

बफेट की लीडरशिप में बर्कशायर एक विशाल साम्राज्य में बदल गया, जिसके पास जिको, ड्यूरासेल, डेयरी क्वीन, बीएनएसएफ रेलवे और प्रमुख उपयोगिता परिचालन जैसी कंपनियों का स्वामित्व था. साथ ही अमेरिकन एक्सप्रेस, कोका-कोला और ऐप्पल सहित सार्वजनिक रूप से लिस्टेड दिग्गज कंपनियों में भी उसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी थी. बर्कशायर के प्रत्येक शेयर का मूल्य अब $750,000 से अधिक है. दशकों तक, बर्कशायर ने नियमित रूप से S&P 500 से भी बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे बफेट की दुनिया के सबसे महान इन्वेस्टर के रूप में प्रतिष्ठा मजबूत हुई. पिछले दो दशकों में 60 बिलियन डॉलर से अधिक का दान देने के बाद भी, बफेट की बर्कशायर हिस्सेदारी का मूल्य अभी भी लगभग 150 बिलियन डॉलर है.

अपनी बेशुमार दौलत के बावजूद बफेट अपनी सादी जीवनशैली के लिए मशहूर हैं. वह अभी भी उसी ओमाहा घर में रहते हैं जिसे उन्होंने 1958 में खरीदा था. वह खुद गाड़ी चलाते हैं, एक दिन में कई समाचार पत्र पढ़ते हैं और लंबे समय तक स्मार्टफोन रखने से कतराते रहे.

अपनी 99% संपत्ति करेंगे दान

बफेट ने अपनी संपत्ति का 99 प्रतिशत से अधिक दान करने का वादा किया है और पहले ही लगभग 65 बिलियन डॉलर दान कर चुके हैं, मुख्य रूप से गेट्स फाउंडेशन और उनके बच्चों की फाउंडेशन के माध्यम से. 2010 में, उन्होंने और बिल गेट्स ने गिविंग प्लेज लॉन्च किया, जिसमें अरबपतियों से अनुरोध किया गया कि वे अपनी संपत्ति का कम से कम आधा हिस्सा अच्छे कामों, दूसरो की भलाई के लिए समर्पित करें.

यह भी पढ़ें: एक ड्रील मशीन से उड़ाए 315 करोड़! जर्मनी के ये चोर बड़े खतरनाक, हॉलीवुड मूवी देख पूरा बैंक कर दिया साफ

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com