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This Article is From Jul 07, 2015

पाकिस्तानी हिन्दुओं को करना होगा और इंतजार, नहीं मंजूर हुआ विवाह कानून

पाकिस्तानी हिन्दुओं को करना होगा और इंतजार, नहीं मंजूर हुआ विवाह कानून
फाइल फोटो
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय को अपने विवाह का पंजीकरण करा सकने के लिए अभी और इंतजार करना होगा क्योंकि सांसदों ने देश के प्रथम हिन्दू विवाह कानून को अंतिम मंजूरी देने का फैसला 13 जुलाई तक के लिए टाल दिया।

पाकिस्तान की कुल आबादी में हिन्दुओं की जनसंख्या 1. 6 प्रतिशत है। यह समुदाय 1947 में देश की स्थापना होने के बाद से एक विवाह कानून के लिए संघर्ष कर रहा है।

ऐसे किसी कानून के अभाव में पाकिस्तान में हिन्दू विवाह को न तो कानूनी मान्यता मिल सकती है ना ही पंजीकरण हो सकता है।

हिन्दू विवाहों के पंजीकरण को औपचारिक करने के कानून पर चर्चा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए चौधरी मुहम्मद बशीर विर्क की अध्यक्षता में विधि, न्याय और मानवाधिकार मामलों पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति की यहां बैठक हुई।

एक अधिकारी ने बताया कि समिति ने मंजूरी 13 जुलाई तक के लिए टाल दी जब हिन्दू विवाह विधेयक 2015 और हिन्दू विवाह अधिनियम 2014 के आखिरी मसौदे को मंजूरी दिए जाने की उम्मीद है।

2014 के विधेयक को पिछले साल संसद में विपक्षी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के रमेश लाल और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के दर्शन ने संयुक्त रूप से पेश किया था।

वहीं, एक अलग लेकिन ऐसा ही एक सरकारी विधेयक हिन्दू विवाह विधेयक 2015 विधि मंत्री परवेज राशिद ने इस साल मार्च में संसद के पटल पर रखा था।

ये दोनों विधेयक पाकिस्तानी हिन्दुओं के विवाह के पंजीकरण के लिए नियमों को निर्धारित करेंगे।

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