लंदन:
आईसलैंड में ज्वालामुखी से निकली राख के घने बादल ब्रिटेन और उत्तरी यूरोप तक पहुंच गए, जिसके कारण करीब 500 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। करीब एक साल पहले इसी तरह आइसलैंड के ज्वालामुखी की राख के कारण उड़ानों का परिचालन बाधित हुआ था। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से राख वाले बादलों के कारण उड़ान बाधित होने की यह दूसरी घटना है। साल के इस मौसम में यूरोप के भीतर रोजाना केवल 30,000 उड़ानें ही होती हैं, लेकिन लावे की वजह से करीब 500 उड़ानों को रद्द करना पड़ा। ग्रीम्सवोटन ज्वालामुखी से निकली राख के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को अपने आयरलैंड दौरे को छोटा करना पड़ा है। ऐसी आशंका है कि पिछले साल की तरह इस साल भी ज्वालामुखी से निकली राख के कारण यूरोप में यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को कुछ दिनों तक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पिछले साल इयजाफ्जालजोकुल ज्वालामुखी से निकली राख के कारण लाखों यात्री प्रभावित हुए थे।
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