अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे और उससे पहले वह अपना मंत्रीमंडल बनाने में लगे हुए हैं. इसी बीच उन्होंने अपनी सरकार में विवेक रामास्वामी को भी मंत्री बनाया है. ट्रंप ने विवेक रामास्वामी और एलन मस्क को अपनी सरकार में डोजे (Department Of Government Efficiency DOGE) का प्रभार दिया है.
बता दें कि इससे पहले उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में टक्कर भी दी थी लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया था. इसी दौरान एक कैंपेन में विवेक रामास्वामी और उनकी पत्नी ने बताया था कि आखिर वो दोनों एक दूसरे से पहली बार कैसे मिले और दोनों के इस रिश्ते की शुरुआत कैसे हुई. उन्होंने एक्स पर इसका एक पोस्ट भी शेयर किया था.
Voters in Iowa want to know the story how Apoorva and I met. Here's how. 😉
— Vivek Ramaswamy (@VivekGRamaswamy) November 19, 2023
📍 Osceola, IA pic.twitter.com/N7duPToNlO
अपूर्वा मेड स्टूडेंट थीं और विवेक लॉ की पढ़ाई कर रहे थे
पोस्ट में शेयर किए गए वीडियो में रामास्वामी की पत्नी अपूर्वा ने कहा, "मुझे मेड स्कूल ज्वॉइन किए एक हफ्ता ही हुआ था और विवेक वहां पर लॉ का स्टूडेंट था. एक पार्टी हो रही थी और वो शायद मेरे द्वारा अटेंड की गई आखिरी पार्टी थी. मैंने विवेक को देखा और मुझे लगा कि कमरे में सबसे दिलचस्प इंसान वही है. इसलिए मैं उसके पास गई और खुद को इंट्रोड्यूस किया". उन्होंने आगे यह भी कहा कि "जब रामास्वामी ने खुद के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि मेडिकल स्कूल में उनकी मुलाकात एक अन्य विवेक से हुई थी".
एक ही दिन में हुई दूसरी मुलाकात ने बदली दोनों की जिंदगी
अपूर्वा ने आगे बताया, वो बिल्कुल इंट्रस्टिड नहीं था और इसलिए वह वहां से चला गया. उन्होंने आगे कहा, इसके बाद उसी रात हम एक बार फिर एक दूसरे से टकरा गए. तब हमें एहसास हुआ कि हमारे बीच कितनी समानताएं हैं और हम कितना कुछ एक दूसरे से शेयर करते हैं. यहां तक कि हम एक दूसरे के पड़ोसी थे और अब हम यहां साथ हैं. हम तब से ही एक दूसरे के साथ हैं.
अपने माता-पिता से मिली शिक्षा में यकीन करते हैं विवेक और अपूर्वा
विवेक ने आगे कहा कि उसके माता-पिता ने हमेशा उसे सिखाया था कि आप किससे शादी करते हैं, यह बहुत मायने रखता है. और वो अपने बच्चों के लिए भी ऐसा ही करते हैं. हम दोनों में से कोई भी आर्थिक रूप से संपन्न परिवार में नहीं पले हैं लेकिन इसका मतलब ये भी नहीं है कि हम गरीबी में पले-बढ़े. उन्होंने आगे कहा, लेकिन हमारे पास दो पेरेंट्स होने का सौभाग्य था, जिसने हमें शिक्षा पर ध्यान केंद्रति करने, भगवान पर भरोसा करने के लिए प्रेरित किया और हम अपने दोनों बेटों को अब ओहियो में उसी तरह से पालने की कोशिश कर रहे हैं.
ओहियो के मूल निवासी हैं विवेक रामास्वामी
बता दें कि 38 वर्षीय विवेक रामास्वामी दक्षिण-पश्चिम ओहियो के मूल निवासी हैं. उनकी मां एक वृद्धावस्था मनोचिकित्सक हैं और उनके पिता जनरल इलेक्ट्रिक में इंजीनियर के रूप में काम करते थे. उनके माता-पिता केरल से अमेरिका चले गए थे.
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