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ट्रंप के टैरिफ को ऐसे डील कर रहा भारत, जानें एस जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री से क्या बात हुई

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की जरूरत पर सोमवार को सहमति जताई है.

ट्रंप के टैरिफ को ऐसे डील कर रहा भारत, जानें एस जयशंकर की अमेरिकी विदेश मंत्री से क्या बात हुई
एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष मार्को रुबियो ने भारत-अमेरिका व्यापार समझौते के बारे में बात की

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने प्रस्तावित भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की जरूरत पर सोमवार को सहमति जताई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत सहित करीब 50 देशों पर जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद जयशंकर और रुबियो के बीच फोन पर हुई बातचीत में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा.

ट्रंप द्वारा दो अप्रैल को टैरिफ की घोषणा के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहला उच्च स्तरीय संपर्क था. फोन पर हुई बातचीत के बारे में ‘एक्स' पर एक पोस्ट में जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने के महत्व पर सहमति बनी. विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने रुबियो के साथ हिंद-प्रशांत, भारतीय उपमहाद्वीप, यूरोप, मध्य पूर्व और कैरिबियन क्षेत्र को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया.

भारत चीजों को अलग तरह से करना पसंद करता है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा के बाद दुनिया अपने पैरों पर वापस आने के लिए संघर्ष कर रही है. चीन और कनाडा जैसे कुछ देशों ने जैसे को तैसा टैरिफ के साथ जवाबी कार्रवाई की है. जहां चीन ने अमेरिका के 34 प्रतिशत टैरिफ का जवाब 34 प्रतिशत टैरिफ से ही दिया है वहीं कनाडा ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर 45 प्रतिशत लेवी की घोषणा किया है. ट्रंप के टैरिफ की मार से बचने के लिए कई दूसरे देश बीच का रास्ता निकालने के लिए एक-एक कर वाशिंगटन पहुंच रहे हैं.

लेकिन इस बीच भारत ने अलग रास्ता अपनाया है. उसने कहा कि वह अमेरिका की 26 फीसदी टैरिफ घोषणा पर जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा और न ही अमेरिका पर पहले से लगाए गए टैरिफ को कम करेगा. इसके बजाय, नई दिल्ली कथित तौर पर व्यापारिक गतिशीलता को अवशोषित करने, समायोजित करने और फिर से काम करने की योजना बना रही है ताकि राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ का भारतीय निर्यातकों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े. साथ ही, दोनों देश "विन-विन" व्यापार समझौता करने के लिए व्यापार वार्ता में तेजी ला रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ की घोषणा करने से पहले ही, भारत ने अमेरिका के साथ एक मेगा व्यापार समझौता शुरू करने वाले पहले देशों में से एक बनकर खुद को फायदे की स्थिति में रखा है.

इनपुट- भाषा

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