कोलम्बो:
अमेरिका ने श्रीलंका की प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिराणी भंडारनायके के खिलाफ महाभियोग और देश में न्यायिक दशा पर चिंता जताई है।
अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "हम श्रीलंका की सरकार और संसद की प्रवर समिति से पारदर्शी, प्रक्रिया के अनुरूप और कानून के अनुसार जांच सुनिश्चित करने की अपील करते हैं।"
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय मानदंडों एवं व्यवहार के विरुद्ध है।
आईसीजे ने श्रीलंका सरकार से न्यायपालिका की स्वतंत्रता बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने और न्यायाधीशों को उनके पद से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों एवं व्यवहारों का अनुसरण करने के लिए कहा।
श्रीलंका की सरकार ने न्यायमूर्ति भंडारनायके के खिलाफ 14 आरोप लगाए हैं और इनकी जांच के लिए संसद की प्रवर समिति का गठन किया है। लेकिन भंडारनायके ने गुरुवार को प्रवर समिति का बहिष्कार करते हुए कहा था कि उन्हें इस पर भरोसा नहीं है।
अमेरिकी दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "हम श्रीलंका की सरकार और संसद की प्रवर समिति से पारदर्शी, प्रक्रिया के अनुरूप और कानून के अनुसार जांच सुनिश्चित करने की अपील करते हैं।"
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय मानदंडों एवं व्यवहार के विरुद्ध है।
आईसीजे ने श्रीलंका सरकार से न्यायपालिका की स्वतंत्रता बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाने और न्यायाधीशों को उनके पद से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों एवं व्यवहारों का अनुसरण करने के लिए कहा।
श्रीलंका की सरकार ने न्यायमूर्ति भंडारनायके के खिलाफ 14 आरोप लगाए हैं और इनकी जांच के लिए संसद की प्रवर समिति का गठन किया है। लेकिन भंडारनायके ने गुरुवार को प्रवर समिति का बहिष्कार करते हुए कहा था कि उन्हें इस पर भरोसा नहीं है।
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