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अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के खात्मे के तकरीबन दो साल बाद अमेरिकी नौसेना के सील कमांडो दल के छह सदस्यों में शामिल रहे एक कमांडो ने चुप्पी तोड़ते हुए पहली इस अभियान में अपनी भूमिका के बारे में बताया है।
'एस्क्वायर' पत्रिका को दिए साक्षात्कार में कमांडो ने बताया है कि पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा के ठिकाने का पता लगने के बाद 2 मई, 2011 को चलाए गए अभियान में उसने लादेन को तीन बार गोली मारी थी।
अपनी पहचान न जाहिर करते हुए कमांडो ने कहा है, "वह भ्रमित नजर आ रहा था। उसकी ऊंचाई मेरे अनुमान से अधिक थी।"
कमांडो ने जब रात के अंधेरे में ओसामा के घर की तीसरी मंजिल पर प्रवेश किया तो उसका हाथ उसकी सबसे छोटी पत्नी के कंधों पर था और वह उसे 'आगे करके चल' रहा था। उसके पास में ही एक एके-47 रायफल पड़ी थी।
कमांडो ने कहा, "मैं उसे देख रहा था। दाईं ओर टाट पर एके-47 रायफल रखी हुई थी और वह उस ओर बढ़ रहा था। वह बंदूक तक पहुंचने ही वाला था। इसलिए मुझे उसे माथे पर गोली मारनी पड़ी।"
कमांडो ने कहा, "उसी क्षण मैंने उसके माथे पर उसे दो बार गोली मारी। दूसरी गोली लगने के बाद वह गिर पड़ा। वह अपने बिस्तर के सामने फर्श पर गिर पड़ा और फिर गोली मारी।"
कमांडो ने कहा, "वह मर चुका था। हिल-डुल नहीं रहा था। उसकी जीभ बाहर निकल आई थी। मैंने उसे अंतिम सांस लेते देखा।"
पत्रिका के अनुसार, ओसामा के साथ मुठभेड़ केवल 15 सेकंड तक चली थी। लेकिन सर्वाधिक डराने वाले क्षण इससे पहले के थे, जब कमांडो को यह पता चला कि इस अभियान में इस्तेमाल किया गया एक स्टेल्थ ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर ओसामा के आवासीय परिसर में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
अमेरिकी नौ सेना का यह कमांडो हालांकि आज अपने ही देश में उपेक्षित महसूस कर रहा है। कमांडो को लगता है कि जिस सेना को उसने लम्बे वर्षों तक सेवा दी, उसने उसे उपेक्षित छोड़ दिया है।
वहीं, नौसेना ने सोमवार को कहा है कि वह ओसामा के खिलाफ चलाए गए गुप्त अभियान के बारे में किसी नई जानकारी की पुष्टि नहीं कर सकती।
कमांडो की उपेक्षा सम्बंधित आरोप पर नौसेना ने कहा है, "हम अपने लोगों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हैं। साथ ही सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें असैन्य जीवन जीने में भी मदद करते हैं।"
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