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This Article is From May 18, 2017

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पानी से हाइड्रोजन ऑक्सीजन अलग करने का नया तरीका निकाला

इस दल के सदस्यों में से एक पाउल सी डब्ल्यू चू ने कहा, ‘हाइड्रोजन सबसे स्वच्छ प्राथमिक उर्जा स्रोत है. अगर कोई उत्प्रेरक की मदद से पानी में ऑक्सीजन के मजबूत बॉन्ड से हा्रक्षेजन को अलग करे तो पानी हाइड्रोजन का सबसे प्रचुर स्रोत हो सकता है.

अमेरिका के वैज्ञानिकों ने पानी से हाइड्रोजन ऑक्सीजन अलग करने का नया तरीका निकाला
प्रतीकात्मक तस्वीर
ह्यूस्टन: यूनिवर्सिटी ऑॅफ ह्यूस्टन के भौतिकविदों ने पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन अलग करने का एक नया तरीका निकाला है. यह तरीका भविष्य में स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन तैयार करने का प्रभावी तरीका हो सकता है. यूनिवर्सिटी ने विज्ञप्ति में बताया कि यह खोज पानी से हाइड्रोजन निकालने की प्राथमिक बाधाओं में से एक को दूर करती है.

इस दल के सदस्यों में से एक पाउल सी डब्ल्यू चू ने कहा, ‘हाइड्रोजन सबसे स्वच्छ प्राथमिक ऊर्जा स्रोत है. अगर कोई उत्प्रेरक की मदद से पानी में ऑक्सीजन के मजबूत बॉन्ड से हा्रक्षेजन को अलग करे तो पानी हाइड्रोजन का सबसे प्रचुर स्रोत हो सकता है. पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में अलग करने के लिए प्रत्येक तत्व के लिए दो प्रतिक्रिया की जरूरत होती है.’ 

ऑक्सीजन के हिस्से के समीकरण के लिए प्रभावी उत्प्रेरक को प्राप्त करना मुख्य परेशानी का सबब होता है, जिसके बारे में अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने अब इसे प्राप्त कर लिया है. यह उत्प्रेरक लौह मेटाफॉस्फेट और एक कंडक्टिव निकेल फोम प्लेटफॉर्म का बना होता है. अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इन पदाथरें का मिश्रण मौजूदा समय के समाधान से ज्यादा प्रभावी और कम खर्चे वाला है.

यह परीक्षण में बहुत ज्यादा टिकाउपन भी दिखाता है क्योंकि यह 20 घंटे और 10,000 चक्रों के बाद भी बिना किसी प्रतिक्रिया के संचालित होता है. इस नए तरीके का इस्तेमाल करने का मतलब यह है कि अब बिना कार्बन उत्सर्जन के ही हाइड्रोजन उत्पादित किया जा सकता है.

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